सोमवार, 5 दिसंबर 2011

मेरे पाँच हाइकु

   (१)
पपीहा बोला
विरह भरे नैन
पी कहाँ ...कहाँ.

  (२)
शंकित मन 
गरज़ता बादल
बिजली गिरी .

  (३)
घोर अँधेरा
निराश मन मांगे
आशा- किरण.

  (४)
पीड़ित मन
गरमी में बारिश
थोड़ी ठंडक.

  (५)
रंगीन फूल
हंसती युवतियां
भौरे यहाँ भी.

1 टिप्पणी:

  1. आपके पहले चार हाइकु बहुत अच्छे हैं। यहां 28 रचनाकारों के 143 हाइकु का यह विशेषांक देखिएगा-http://hindihaiku.wordpress.com/

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