शनिवार, 25 मई 2024

हाइकु चार

 साधु जा रहे

बह रही वायु भी

गति निर्बाध।

2
रोता बालक
बादल घिर आये
जल ही जल।

3
सब ने कहा
बेलगाम था घोड़ा
रुकता कैसे!

4
नंगा भिखारी
वृक्ष बिना पहाड़
कब ढकेंगे!

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