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संदेश

माँ दुर्गा - तीन हाइकू

  शक्ति स्वरूपा सिंह वाहिनी दुर्गा  जय जय हो.  २ -  भक्त जागते झिलमिल सितारे  नव रात्रि मे. ३-  नारी शक्ति है  प्रकृति भी नारी  सर्वत्र नारी.  

कोहरा और पिता

शीत रात्रि के बाद सूर्योदय से पहले  पिता घर आते थे द्वार खोलती थी माँ  ओस से भीगे पिता  और  गति से अंदर आता कोहरा  देख कर  सिहर जाता मैं  आज भी याद कर.

अनन्त आकाश

आकाश  तुम अनन्त हो शायद इसलिए कि मैं तुम्हें उस विस्तार तक देख नहीं सकता  छू नहीं सकता  अशक्तता मेरी  अक्षमता मेरी  मैं समझता हूँ  तुम अनंत हो  आकाश!

क्योँ गाली खाया विराट कोहली?

कुछ लोग बीसीसीआई की टीम के कप्तान विराट कोहली को जूते पड़ने को लेकर दुखी नजर आ रहे हैं. उनके दुख पर कोई टिप्पणी न करते हुए बीसीसीआई के कप्तान पर मेरे विचार-  कोहली के साथ गड़बड़ यह हुई कि इसने एक साथ कई मोर्चे खोल लिए. पहले 'दिवाली कैसे मनाए के टिप्स दूँगा' की दर्प भरी घोषणा की. फिर अगली ही बार पाकिस्तान के सामने 10 विकेट से समर्पण कर दिया. मैच हारते ही फील्ड पर पाकिस्तानी खिलाडियों को गले लगा लिया, एक खिलाड़ी के फील्ड पर नमाज पढ़ने को इग्नोर करते हुए. फिर यह जानते हुए भी कि शमी के विरुद्ध ट्वीट पाकिस्तान प्रायोजित हैं  सभी हिन्दुओं को साम्प्रदायिक बताते हुए  secularism का झंडा फहरा दिया. भाई तू भारत का खिलाड़ी है या missionary मुल्ला! नहीं जानता कि सामान्य भारतीय क्रिकेट और हॉकी में खेलते हुए भी पाकिस्तान को दुश्मन देश ही समझते हैं. तूने उन सबके दिलों को रौंदते हुए बुरी तरह से मैच हारा, फिर मुस्कुराते हुए दुश्मन देश के खिलाड़ियों को गले लगाया. करेले पर नीम चढ़ा कि नमाज की साम्प्रदायिकता को दरकिनार कर अपने देश के लोगों को ही सांप्रदायिक बता दिया. तुम अगर खेल में साम्प्रदा...

जब विभागाध्यक्ष ने लिखा- अच्छा !

  सेवा-काल का एक किस्सा मेरे एक विभागीय निर्देशक ने मेरी चरित्र पंजिका में मेरा असेसमेंट करते हुए मुझे गुड यानि अच्छा लिखा. यहाँ बता दूं कि राज्य सेवा में प्रोनत्ति का एक ऐसा दौर आता है , जब आपका गुड या सामान्य असेसमेंट किसी काम का नहीं होता. अगर आपको पदोन्नति लेनी है तो आउट स्टैंडिंग प्रविष्टि लेनी होगी. परन्तु , अगर आप अपने विभागाध्यक्ष के अनुसार आउट स्टैंडिंग काम नहीं करते तो वह आपको क्यों आउट स्टैंडिंग लिखेगा. मेरे विभागाध्यक्ष ने भी यही किया. मैं विभागाध्यक्ष के पास गया. मैंने कहा- सर आपने तो मेरा अपमान कर दिया. मुझे अच्छा लिख दिया. सर मै या तो उत्कृष्ट हूँ या निकृष्ट नहीं बैड. आपको मेरा आकलन अच्छा नहीं करना चाहिए था. बैड लिख देते. वह बिंदास बोले- अरे भाई , तुम लोगों को सजा देने के लिए बैड लिखने की क्या ज़रुरत है. अच्छा या सामान्य लिख दो. जन्म भर प्रमोशन नहीं होगा. बैड लिख देता तो आप जवाब देते , मुझे आपके जवाब का जवाब देना पड़ता. इतना झंझट कौन करता. मुझे उनकी बेबाकी अच्छी लगी. मैंने कहा- इस साफगोई के लिए धन्यवाद सर. वैसे अगर आप मुझे बैड लिखते तो मैं वादा करता हूँ कि मै...

उनकी घर वापसी

 

विकलांगता विकलांग वर्ष की