शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

बाबाओं को सोना चाहिए

बाबाओं को सोना चाहिए
सोयेंगे तो दो बाते होयेंगी
बाबा अगर सोयेंगे
तो स्वप्न देखेंगे
स्वप्न में खजाना देखेंगे
खजाने से देश
मालामाल हो या न हो
सरकार मालामाल होगी
सरकार मालामाल होगी
तो नेता और ऑफिसर
घूस बटोरने के विकास कार्यक्रम चला पायेंगे
इस प्रकार वह मालामाल होंगे.
लेकिन दोस्तों
मुझे नेताओं-अफसरों का खैरख्वाह न समझो
मैं खैरख्वाह हूँ
इस देश की जनता का
जनता की माँ बहनों का
बाबा सोयेंगे
तो न प्रवचन करेंगे
न मौका लगते ही आसाराम बनेंगे.

गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

मेरी माँ तुम्हारी माँ

मेरी माँ
बीमार है.
बीमार
तुम्हारी माँ भी होगी.
पर मेरी माँ माँ है
मेरी माँ के सामने
तुम्हारी माँ की क्या बिसात
मेरी माँ ने दिया है मुझे
ऐश और शोहरत
बैठे ठाले की सत्ता
तुम्हारी माँ ने
तुम्हे क्या दिया!
गरीबी और रुसवाई
मुफलिसी और भूख
जबकि,
मेरी माँ ने
तुम्हे भी दिया है
सब्सिडी पर फ़ूड.

बुधवार, 16 अक्टूबर 2013

आंसू

आज अभी निकाल दिया दिल से अपने मुझ को
एक पल न सोचा कि अँधेरा हो जायेगा दिल में.
शांत झील में कंकड़ फेंक कर खुश हो जाते तुम,
भूल जाते कि कंकडों को डूबने का दुःख होता है.
३ 
जो हंसते नहीं उन्हें मुर्दा दिल न समझो,
न जाने कितनी रुसवाइयां झेलीं हैं उन ने.
कुरेद कुरेद कर दिल के घाव तुम तो
नेल पोलिश का बिज़नस कर रहे हो.
मेरी ईमानदारी को तराजू पर मत तौलो
ज़मीर के बटखरे ही इसे तौल पाएंगे.
मेरे आंसुओं को इतना तवज्जो मत देना
नज़र-ए-बीमारी का सबब है कि बहती हैं.


दीवाली

नहीं चांदनी
घनी रात में
दीपों का उजियारा.
टिम टिम टिम
दीपक चमके
अन्धकार का
सीना छल के
भागा दूर
घना अंधियारा . 
दीप जलाएं
खील उड़ायें
धूम पटाखे की
मच जाए
फुलझड़ियों से 
झरा उजियारा.
आओ आओ
रामू भैया
ठेल गरीबी
खील खिलैया
खा कर हर्षो
जग प्यारा.

सोमवार, 14 अक्टूबर 2013

रावण का पुतला

रावण !
तने क्यों खड़े हो
घमंड भरी मुद्रा में
जलने के लिए तैयार
जल जाओगे
क्या फायदा होगा

धुंवा और कालिख बन कर
घुल जाओगे हवा में
मिल जाओगे धूल में
इकठ्ठा लोग
चले जायेंगे
तुम्हारी राख रौंदते हुए
क्या फायदा होगा !
आओ
मुझ में समा जाओ
मेरे ख़ून में घुल जाओ
मैं पालूंगा तुम्हे
अगले साल तक
फिर से
खड़ा कर दूंगा
जलने के लिए
पुतले के रूप में .

राजनीति

सत्ता
शराब नहीं पीती
घमंड नहीं करती
क्योंकि, सत्ता
खुद शराब है
चढ़ कर बोलती है
सर पर
घमंड से .

२-
नेता
बनाते हैं मोर्चा
और देश को
लगाते हैं
मोरचा .

३-
गांठों के समूह के
मिलने को
कहते हैं
गठबंधन.

४-
कई पतियों से
तलाक ले चुकी
वामा
यानि
वाम पंथी .

५.
सेक्युलर
बिना पैजामे का
नाड़ा .

मेला- पांच भाव

मेले में
भगदड़ मची
मरने लगे लोग
अधिकारी
गिनने लगे
मरे हुए लोग
और लगाने लगे हिसाब
मुआवज़े के लिए बनने वाली
और फिर 
मिलने वाली रकम का.

२-
मेले में
माँ के हाथ से
बेटे का हाथ छूट गया
दोनों ढूढ़ रहे थे
एक दूसरे को
माँ सोच रही थी
बेटा बिछड़ गया
बेटा रो रहा था
मैं खो गया .

३-
मेले में
आदमी अकेला
उसे
वापस जाना है
अकेला ही.

४-
जब
जुट जाते हैं
बहुत से अकेले
तो
बन जाता है
मेला.

५-
अपनों के
परायों के मिलने
और फिर
बिछुड़ जाने को
कहते हैं
मेला . 


अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...