उन्नत पर्वत शिखर पर बैठा वृद्ध गिद्ध
अब, घिस चुकी चोंच को नुकीला करेगा
पर्वत से घिस घिस कर
अपने नख तोड़ देगा
स्वयं को शिखर से लुढ़का देगा
ताकि क्लांत पंखों को नया जन्म दिया जा सके
इसके बाद, उसका पुनर्जन्म होगा
वह पुनः वृद्ध से युवा गिद्ध बन जायेगा
मैं भी गिद्ध हूँ
वृद्ध शिथिल शरीर हूँ
किन्तु, क्लांत नहीं
मैं शिखर पर पहुँच कर
अपने शिथिल शरीर का पुनर्निर्माण करूंगा
नख घिसूंगा
स्वयं को शिखर से लुढ़का कर
नए पंखों को जन्म दूंगा
ऊंची उड़ान भरने के लिए।

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