गुरुवार, 4 जुलाई 2024

अकेला नही...!

कभी भी कोई 
न अकेला आता है 
न ही जाता है 
उसके साथ आते 
और साथ जाते हैं 
उसके कर्म 
पिछले जन्म के 
और अगले जन्म के लिए। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...