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जुलाई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन तोता

मन तोता होता है हरी मिर्ची सा लोहे के पिंजरे में ' मिट्ठू बेटा राम राम बोलो ' कहता पिंजरा खोल दो तो क्या कहाँ जाएगा ! लौट कर फिर वापस आएगा पंख है पर शक्ति कहाँ फड़फड़ाता सिर्फ मन  तोते सा।

दर्पण-पुरूष

 क्या  मनुष्य दो प्रकार के होते हैं?  सज्जन और दुर्जन पुरुष  पर तीसरा भी होता है पुरुष दर्पण में  जिसे हम देखते हैं दर्पण- पुरुष. 

काल- चित्र

काल  एक चित्र बनाता है  लकीरों  से भरा  श्वेत श्याम रंगों का मिश्रण कभी धुंधला सा भी  अतीत में खोजता- विचरता  काल चक्र से जूझता  काल-चित्र .