शनिवार, 19 नवंबर 2011

सात बेतुक







मैंने
एक कविता लिखी
मित्र ने पढ़ा
और पूछा-
भाई यह क्या लिखा है?
मैंने कहा-
जो तुमने समझा वही
रही बात मेरी
तो मैं अभी समझ रहा हूँ।
      (२)
मैंने कसम खाई
कि
मैं शराब नहीं पीऊँगा
पर लोगों को विश्वास नहीं हुआ
लोगो के मेरे प्रति
इस अविश्वास से
मैं इतना दुखी हुआ
कि
पिछले सप्ताह से
लगातार पी रहा हूँ।
        (३)
मैंने पत्नी से कहा-
तुम बच्चों को सम्हालती नहीं
बहुत शरारती हो गए हैं।
पत्नी
एक शरारती मुस्कान के साथ बोली-
शरारती बाप के बच्चे और क्या होंगे।
               (४)
अंधे को नाच दिखाना
बहरे को गीत सुनाना ही
जनता और नेता का रिश्ता है .
             (५ )
नेता जी मेरे पास आए,
हाथ जोड़ कर बोले-
भाई,
वोट ज़रूर देना
मुझे भूल मत जाना
मैंने कहा-
नेता जी,
भूलना साझी बीमारी है
आप वोट लेने के बाद
हमे भूल जाते हो
हम आपके जाने के बाद
आपको भूल जाते हैं।
          (६)
एक नेता
भ्रष्टाचार में फंस कर
जेल पहुँच गए
जेल पहुँच कर
दिल के बीमार हो गए
नेताओं का दिल
अगर स्वस्थ होता
तो वह जेल क्यूँ पहुंचते?
          (७)
मेरा नाम नयनसुख है
मेरी पत्नी का नाम सुनैना है,
मेरी बेटी का नाम चंद्रिका है
बेटा सूरज है।
हम
अंधेर नगरी के
अंधेरे घर में रहते हैं।

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