बुधवार, 28 सितंबर 2011

मेरे चार वचन



मेरे चाहने वाले मेरी राहों पर कांटे बिखेरते  है
मैं बटोरते चलता हूँ कि कहीं उन्हे चुभे नहीं।
२.
अगर लंबाई पैमाना है तो लकीर सबसे लंबी है,
आदमी जितनी चाहे लंबी लकीर खींच सकता है।

३.
मुझे बौना समझ कर हंसों नहीं ऐ दोस्त,
मैं वामन बन कर तीनों लोक नाप सकता हूँ।

४.
उन्होने पिलाने का ठेका नहीं लिया है,
तभी तो लोग पीने को ठेके पर जाते हैं।
 

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