बुधवार, 28 सितंबर 2011

हे राम


                    हे राम !!!
हे राम,
तुम वन गए
सीता को साथ लेकर.
सीता ने चौदह बरस तक
मिलन और विछोह झेला
लेकिन
जब तुम अयोध्या वापस आये,
तो सीता को
फिर से वन क्यूँ भेज दिया.
क्या पुरुषोत्तम का
उत्तम पौरुष यही है कि
वह अपनी स्त्री की
इच्छा न जाने?

अहिल्या सति थीं,
इसलिए
राम के चरण का स्पर्श पाकर
फिर से
पत्थर से नारी बन गयीं
लेकिन
रावण के बंदीगृह से छूटी सीता
राम का स्पर्श पाकर भी
पत्नी क्यूँ नहीं बन सकी.


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