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संदेश

पांच दीपक और चाँद उदास

१- आस्था का दीपक जलेगा आवश्यकता क्या है तीली सुलगाने  की भावनाओं की २- माँ जब दीपक जला चुकी तब कुलदीपक के नैनों के दीप जल उठे अब फुलझड़ी जलेगी. ३- पूजा की शीघ्रता विघ्नहर्ता गणेश को नहीं लक्ष्मी माता को भी नहीं मूषक राज को चढ़ावा कुतरेंगे। ४- संग संग जलते इठलाते बतियाते दीपक मानों कह रहे हों- अब ठण्ड पड़ने लगी. ५- नन्हा कहीं खो गया क्या ! सबने खोज इधर उधर नन्हा मिला दीपक के पास पूछ रहा था- अकेले उदास तो नहीं।   चाँद उदास चाँद उदास था क्रमशः क्षय को रहा था शरीर तारों ने पूछा- उदास क्यों ! बोला- मैं देख नहीं पाऊंगा पृथ्वी पर टिमटिमाते नन्हे नन्हे दीपों के अंधकार भगाने के कौशल को,  अंधकार के भयभीत चेहरे को जो प्रतीक्षा करता है मेरे क्षय की ताकि, फैला सके पूरी दुनिया में अपना साम्राज्य।  तब तारों ने कहा- हाँ, हम सौभाग्यशाली है देखते हैं नन्हे दीपों का अन्धकार से सफल युद्ध परन्तु, इसे तुम देख सकते हो हमारी विजयी झिलमिलाहट में।

करवा चौथ

बेटा  तब तक नहीं समझ सका कि  माँ  क्यों करवा चौथ में पूरा दिन व्रत रहती है चाँद का इंतज़ार करती है और पिता है कि आते ही ऑफिस से खाना खा लेते हैं जब तक कि वह करवा चौथ के दिन ऑफिस से आया और पत्नी से खाना परोसवा कर खा  गया।  

थकान

कभी तेज़ भागो इतना तेज़, कि सब पीछे रह जाएँ साथी पीछे छूट जाएँ तब देखना कैसे थक जाते हो पीड़ा से भरे पैर उठने से इंकार कर देते हैं तब तुम पीछे रह जाते हो अपने साथियों से भी पीछे ऎसी होती है भागने से पैदा थकान !

वह आदमी

लोगों की भीड़ के बीच किसी से छोटा किसी से लम्बा किसी से मोटा किसी से दुबला एक आदमी सड़क पर तेज़ भागती रंग-बिरंगी छोटी छोटी, बड़ी बड़ी गाड़ियों से सहमा हुआ एक आदमी ऊंची, बहुत ऊंची और कम ऊंची इमरताओं को अचरज से देखता हुआ एक आदमी खुली आँखों में भी पाले हुए है लम्बे कद के  लोगों के बराबर होना चाहता है इनमे से किसी भागती गाडी में बैठना चाहता है  सबसे ऊंची इमारत की सबसे ऊंची मंज़िल में रहना चाहता है आदमी।  एक दिन, गायब हो जाता है वह आदमी कहाँ गया होगा ? निराश हो कर गाँव लौट गया होगा, किसी भागती गाडी के नीचे आकर पिस  गया होगा,  या सबसे ऊंची इमारत की सबसे ऊंची मंज़िल पर रहने लगा होगा आदमी !!! लेकिन, किसी भी दशा में सड़क पर पैदल चलता नज़र नहीं आएगा वह आदमी.

गांधी …न राम

कल गांधी जयंती थी क्या देश स्वच्छ हुआ ! आज विजयादशमी है आज रावण जलेगा क्या देश राम-मय हो जायेगा ! नहीं, न देश स्वच्छ हुआ  न आज के बाद राम-मय होगा क्योंकि, हम गांधी नहीं तो हम में राम कैसे होगा . इसीलिए  देश को गन्दा होना चाहिए हम में रावण को ज़िंदा होना चाहिए .

लड़की डरती है

बोल्ड लड़की घर से निकलती है तन कर चलती बिना सर झुकाये फिर भी डरती है कनखियों से देखती है घूरती/ लेखा-जोखा रखती निगाहें जिनको शिकायत है उसके घर से निकलने तन कर चलने से वह जानती है उसकी मुसीबत में साथ नहीं देंगी यह निरीक्षण करती निगाहें क्योंकि, उन्हें अच्छा लगेगा लड़की का छेड़ा जाना क्योंकि, वह घर से निकलती है और तन कर चलती है लड़की डरती है।

रास्ते : अलग अलग

अलग अलग रास्ते भी एक हो जाते हैं जब अपने मुहाने पर बंद पाये जाते हैं. २- रास्तों को नहीं बाँट सकते चलने का तरीका गलत हो सकता है . ३- वह गिरे मैंने सम्हाला मैं लड़खड़ाया दोनों गिरे लोग हँसे कि दोनों अनाड़ी . ४- मंज़िल आसान लगती अगर रास्तों पर कांटे न होते . ५- जूता पहन कर कांटे नहीं चुभे पर जूतों ने पैर काट लिया.