गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014

गांधी …न राम

कल गांधी जयंती थी
क्या देश स्वच्छ हुआ !
आज विजयादशमी है
आज रावण जलेगा
क्या देश राम-मय हो जायेगा !
नहीं,
न देश स्वच्छ हुआ 
न आज के बाद राम-मय होगा
क्योंकि,
हम गांधी नहीं
तो हम में राम कैसे होगा .
इसीलिए 
देश को गन्दा होना चाहिए
हम में रावण को ज़िंदा होना चाहिए .

रविवार, 28 सितंबर 2014

लड़की डरती है

बोल्ड लड़की
घर से निकलती है
तन कर चलती
बिना सर झुकाये
फिर भी डरती है
कनखियों से देखती है
घूरती/ लेखा-जोखा रखती
निगाहें
जिनको शिकायत है
उसके घर से निकलने
तन कर चलने से
वह जानती है
उसकी मुसीबत में
साथ नहीं देंगी
यह निरीक्षण करती निगाहें
क्योंकि,
उन्हें अच्छा लगेगा
लड़की का छेड़ा जाना
क्योंकि,
वह घर से निकलती है
और तन कर चलती है
लड़की डरती है।

शनिवार, 13 सितंबर 2014

रास्ते : अलग अलग


अलग अलग रास्ते भी
एक हो जाते हैं
जब
अपने मुहाने पर
बंद पाये जाते हैं.
२-
रास्तों को
नहीं बाँट सकते
चलने का तरीका
गलत हो सकता है .
३-
वह गिरे
मैंने सम्हाला
मैं लड़खड़ाया
दोनों गिरे
लोग हँसे
कि
दोनों अनाड़ी .
४-
मंज़िल आसान लगती
अगर
रास्तों पर
कांटे न होते .
५-
जूता पहन कर
कांटे नहीं चुभे
पर
जूतों ने
पैर काट लिया.

सोमवार, 18 अगस्त 2014

सपने देखेगा

सबसे  ऊपर की
मंज़िल पर
कुछ कर रहा आदमी
कभी रुकता
इधर उधर नीचे देखता
आसमान को घूरता
कुछ खोजता सा वह आदमी
अगर गिरेगा
तो मुआवज़ा मिलेगा
उसकी बीवी और बच्चों को
फिर उसकी बीवी भी
काम पर लग जाएगी उसकी तरह
शायद ढोयेगी ईंट
अगर वह,
ठीक से नीचे उतर  आया तो
मज़दूरी लेकर
इमारत के एक कोने में
अपनी पत्नी के साथ मिलकर
खाना बनाएगा
साथियों के साथ भोजपुरी फिल्म का
अश्लील सा गीत गा कर
अपनी थकान मिटाएगा
फिर सो जायेगा
सपने देखेगा
सबसे ऊपर की मंज़िल पर
अपने परिवार के साथ
रहने के।

खबर औरत


खबर
बन जाती है
एक औरत
जब आँख भर देखती है
किसी को.
२-
खबर
लिखने के लिए
शब्द जानना नहीं
आना चाहिए
शब्द जड़ना .
३-
टीवी पर
सामान तब बिकता है
जब औरत अर्धनग्न होती है
अख़बार के लिए
ज़रूरी है
नंगा होना.

गुरुवार, 7 अगस्त 2014

संपर्क - सेतु

नदी पर बना पुल
दोनों ओर बसी
आबादी को जोड़ता
लोग पुल  पार कर
रोज ही मिलते
हाल चाल जानते
गीले शिक़वे करते और सुनते
फिर गले मिल कर
वापस लौट जाते
हर दिन जमता मेला
कभी इस ओर
कभी उस ओर 
खूब खुशियां मनतीं
एक दिन पुल को
बहा ले गया सैलाब
टूट गया संपर्क सूत्र
बढ़ने लगी दूरियां
बढ़ने लगे मतभेद
जुटने लगी उग्र भीड़
उछलने लगे कठोर जुमले
अब तो पहुंचती है
एक दूसरे की बात
नुकीले पत्थरों से
संपर्क सेतु टूटेगा
तो,
और क्या होगा !!!

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...