सबसे ऊपर की
मंज़िल पर
कुछ कर रहा आदमी
कभी रुकता
इधर उधर नीचे देखता
आसमान को घूरता
कुछ खोजता सा वह आदमी
अगर गिरेगा
तो मुआवज़ा मिलेगा
उसकी बीवी और बच्चों को
फिर उसकी बीवी भी
काम पर लग जाएगी उसकी तरह
शायद ढोयेगी ईंट
अगर वह,
ठीक से नीचे उतर आया तो
मज़दूरी लेकर
इमारत के एक कोने में
अपनी पत्नी के साथ मिलकर
खाना बनाएगा
साथियों के साथ भोजपुरी फिल्म का
अश्लील सा गीत गा कर
अपनी थकान मिटाएगा
फिर सो जायेगा
सपने देखेगा
सबसे ऊपर की मंज़िल पर
अपने परिवार के साथ
रहने के।
मंज़िल पर
कुछ कर रहा आदमी
कभी रुकता
इधर उधर नीचे देखता
आसमान को घूरता
कुछ खोजता सा वह आदमी
अगर गिरेगा
तो मुआवज़ा मिलेगा
उसकी बीवी और बच्चों को
फिर उसकी बीवी भी
काम पर लग जाएगी उसकी तरह
शायद ढोयेगी ईंट
अगर वह,
ठीक से नीचे उतर आया तो
मज़दूरी लेकर
इमारत के एक कोने में
अपनी पत्नी के साथ मिलकर
खाना बनाएगा
साथियों के साथ भोजपुरी फिल्म का
अश्लील सा गीत गा कर
अपनी थकान मिटाएगा
फिर सो जायेगा
सपने देखेगा
सबसे ऊपर की मंज़िल पर
अपने परिवार के साथ
रहने के।
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