सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

बेटे तो बेटे होते हैं

बेटे तो बेटे होते हैं एक माँ सुबह उठ जाती बेटे के लिए नाश्ता बनाती उसे जगाती नहलाती धुलाती बस्ते में टिफ़िन रख कर स्कूल बस तक छोड़ आती एक दूसरी माँ बेटे को अलार्म घडी से जगवाती उसका नाश्ता रात में सैंडविच बना कर रख देती बेटे को अलार्म घड़ी उठाती बेटा नहा कर स्कूल चला जाता बेटे तो बेटे होते हैं बेटे पढ़ लिख गए बड़े आदमी बन गए पर माँ के लिए ' बेटे तो बेटे होते हैं इसलिए, दोनों बेटो ने अपनी अपनी  माँ को घर से निकाल दिया क्योंकि, बेटे तो बेटे होते हैं.

पिता की उंगली

आज पहली बार मुझे एहसास हुआ पिता के न होने का ठोकर लगी मैं लड़खड़ाया घुटनों के बल गिर पड़ा क्योंकि, थामने को नहीं थी पिता की उंगली .

अपनत्व

दुःख ईर्षालु होता है वह हमें सताता है क्योंकि, हम सुख को प्यार करते हैं . दुःख को अपना लो सुख आपका होगा ही दुःख भी आपको सताएगा नहीं.   

दुश्मन जुबान

दोस्त, पहचानो अपने अंदर छुपे दुश्मन को उसे नियंत्रित करो मुंह के अंदर छिपी जुबान जब जब अनियंत्रित हो कर बाहर निकलती है दुश्मन ही पैदा करती है. 

प्रधानमंत्री जी

कल जब प्रधानमंत्री अपना सामान पैक कर रहे होंगे तब उनके साथ प्रतिभा ताई की तरह ट्रकों सामान का बोझ नहीं होगा. निश्चय ही बहुत थोड़ा सामान होगा पर बहुत बड़ा बोझ होगा उस अपमान और असम्मान का जो इस पद पर रहते हुए मिला पर इससे भी ज़्यादा भारी होगा दस साल लम्बी चुप्पियों का बोझ. 

ठंडा चूल्हा पेट की आग

मेरे घर चूल्हा खूब आग उगलता है भदेली गर्म  कर देता है भदेली की खिचडी खदबदाने लगती है इसके साथ ही खदबदाने लगते हैं मुन्नू की आँखों में, सौंधी खिचड़ी के सपने।  थोड़ी देर में मुन्नू के पेट की आग बुझा देती है खिचड़ी फिर बुझा दिया जाता है चुल्हा पर गरीब के घर कभी बुझाया जाता नहीं कभी न जलने वाला चूल्हा कभी नहीं खदबदाती भदेली में खिचड़ी  पर चुन्नू की आँखों में खदबदाते हैँ खिचड़ी के सपने क्यूंकि, पेट की आग नहीं बुझा पाता ठंडा पड़ा चूल्हा ।