दोस्त,
पहचानो
अपने अंदर छुपे दुश्मन को
उसे नियंत्रित करो
मुंह के अंदर छिपी जुबान
जब जब
अनियंत्रित हो कर बाहर निकलती है
दुश्मन ही पैदा करती है.
पहचानो
अपने अंदर छुपे दुश्मन को
उसे नियंत्रित करो
मुंह के अंदर छिपी जुबान
जब जब
अनियंत्रित हो कर बाहर निकलती है
दुश्मन ही पैदा करती है.
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