शनिवार, 10 मई 2014

प्रधानमंत्री जी

कल जब प्रधानमंत्री
अपना सामान पैक कर रहे होंगे
तब उनके साथ
प्रतिभा ताई की तरह
ट्रकों सामान का बोझ नहीं होगा.
निश्चय ही
बहुत थोड़ा सामान होगा
पर
बहुत बड़ा बोझ होगा
उस अपमान और असम्मान का
जो इस पद पर रहते हुए मिला
पर इससे भी ज़्यादा भारी होगा
दस साल लम्बी
चुप्पियों का बोझ. 

ठंडा चूल्हा पेट की आग

मेरे घर चूल्हा
खूब आग उगलता है
भदेली गर्म  कर देता है

भदेली की खिचडी
खदबदाने लगती है
इसके साथ ही
खदबदाने लगते हैं
मुन्नू की आँखों में,
सौंधी खिचड़ी के सपने। 
थोड़ी देर में
मुन्नू के पेट की आग
बुझा देती है खिचड़ी
फिर बुझा दिया जाता है चुल्हा
पर गरीब के घर
कभी बुझाया जाता नहीं
कभी न जलने वाला चूल्हा
कभी नहीं खदबदाती
भदेली में खिचड़ी 
पर चुन्नू की आँखों में
खदबदाते हैँ
खिचड़ी के सपने
क्यूंकि,
पेट की आग नहीं बुझा पाता
ठंडा पड़ा चूल्हा ।  


शनिवार, 3 मई 2014

खाली हाथ .

बटोरने/समेटने में
सालों गुजार दिये
जब वक़्त आया
मैं 
चला आया    
खाली हाथ।  

बाढ़ बन जाती है नदी

किनारे कभी
नदी को नहीं रोकते
अबाध बहने  देते हैं। 
किनारे
मदमस्त होने से रोकते हैं
नदी को
सीमा लांघने के प्रयासों को
हौले से
असफल करे देते  है
निस्संदेह, कभी
नदी किनारों का नियंत्रण नहीं मानती
किनारे बह जाते हैं
बिखर जाता है सब कुछ
इसके बावजूद
नदी को फिर
किनारों की शरण में आना पड़ता है
नदी सीखती है सबक
कि
अनियंत्रित हो कर 
अपनी पहचान खो बैठती है,
बाढ़ बन जाती है
नदी।

शनिवार, 12 अप्रैल 2014

चुनाव

सुनो
थम गया है
प्रचार का शोर
अब हम चुनेंगे
ख़ामोशी से
चोर। 
२-
जो
बे-उम्मीद करे
वह
उम्मीदवार। 
३-
चुनाव का
इशारा है
तर्जनी दागदार।
४-
नेता
जो चुनाव के बाद
उलटी ताने।
५-
हम
अपनी सरकार चुनते हैं
उसके बाद
पांच साल तक
अपना सर
धुनते हैं.

बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

सत्यकाम

आकाश से
अवतार नहीं लेता
सत्य
जीवन में
अनियंत्रित अश्व की तरह
होता है
सत्य
निरंतर
परिश्रम, साधना और संयम से
साधन पड़ता है
सत्य
तब
नियंत्रण में आता है
सत्य
और
मनुष्य बन जाता है
सत्यकाम। 

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

तभी

मन
उल्टा न सोच
हो जायेगा 
नम !
२-
जान
निकल जाती है
तभी हम
कहते हैं-
न जा !
३-
रोते हैं
नयन
ख़ुशी में भी
और दुःख में भी
क्योंकि,
किसी भी दशा में
वह है
नयन !
४-
हम
लाख कहें
झुक ना
हमें कभी
पड़ता है
झुकना।


अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...