शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

तभी

मन
उल्टा न सोच
हो जायेगा 
नम !
२-
जान
निकल जाती है
तभी हम
कहते हैं-
न जा !
३-
रोते हैं
नयन
ख़ुशी में भी
और दुःख में भी
क्योंकि,
किसी भी दशा में
वह है
नयन !
४-
हम
लाख कहें
झुक ना
हमें कभी
पड़ता है
झुकना।


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