शनिवार, 3 मई 2014

खाली हाथ .

बटोरने/समेटने में
सालों गुजार दिये
जब वक़्त आया
मैं 
चला आया    
खाली हाथ।  

बाढ़ बन जाती है नदी

किनारे कभी
नदी को नहीं रोकते
अबाध बहने  देते हैं। 
किनारे
मदमस्त होने से रोकते हैं
नदी को
सीमा लांघने के प्रयासों को
हौले से
असफल करे देते  है
निस्संदेह, कभी
नदी किनारों का नियंत्रण नहीं मानती
किनारे बह जाते हैं
बिखर जाता है सब कुछ
इसके बावजूद
नदी को फिर
किनारों की शरण में आना पड़ता है
नदी सीखती है सबक
कि
अनियंत्रित हो कर 
अपनी पहचान खो बैठती है,
बाढ़ बन जाती है
नदी।

शनिवार, 12 अप्रैल 2014

चुनाव

सुनो
थम गया है
प्रचार का शोर
अब हम चुनेंगे
ख़ामोशी से
चोर। 
२-
जो
बे-उम्मीद करे
वह
उम्मीदवार। 
३-
चुनाव का
इशारा है
तर्जनी दागदार।
४-
नेता
जो चुनाव के बाद
उलटी ताने।
५-
हम
अपनी सरकार चुनते हैं
उसके बाद
पांच साल तक
अपना सर
धुनते हैं.

बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

सत्यकाम

आकाश से
अवतार नहीं लेता
सत्य
जीवन में
अनियंत्रित अश्व की तरह
होता है
सत्य
निरंतर
परिश्रम, साधना और संयम से
साधन पड़ता है
सत्य
तब
नियंत्रण में आता है
सत्य
और
मनुष्य बन जाता है
सत्यकाम। 

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

तभी

मन
उल्टा न सोच
हो जायेगा 
नम !
२-
जान
निकल जाती है
तभी हम
कहते हैं-
न जा !
३-
रोते हैं
नयन
ख़ुशी में भी
और दुःख में भी
क्योंकि,
किसी भी दशा में
वह है
नयन !
४-
हम
लाख कहें
झुक ना
हमें कभी
पड़ता है
झुकना।


झुकना

कभी
चढ़ाई पर  चढ़ते हुए
ख्याल  किया है !
आगे झुक जाते है लोग
पार कर ले जाते हैं
पूरी चढ़ाई
बिना ऊंचाई नापे हुए
क्या ही अच्छा हो 
अगर
समतल रास्तों पर भी
ऐसे ही चलो
आराम से ।   

शनिवार, 8 फ़रवरी 2014

प्यार

माँ/ हमेशा कहती
बेटा ! मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ
मैं कंधे उचका देता/ध्यान न देता
एक दिन माँ ने कहा-
बेटा, गला सूना लगता है
पतली सोने की चेन ला दे
माँ विधवा थी
मैंने कह दिया- क्या करोगी पहन कर !
माँ कुछ नहीं बोली
गले में हाथ फेर कर चुप बैठ गयी
अगले दिन
माँ ने फिर कहा-
मैं तुझे प्यार करती हूँ.
मैंने फिर कंधे उचका दिए
कौन नहीं करता अपने बच्चे से प्यार
मैंने बहुत दिनों बाद जाना
कि माँ  मुझे सचमुच बहुत प्यार करती थी
पत्नी ने एक दिन कहा-
इस बर्थडे पर
मुझे सोने का मंगलसूत्र बनवा दो
पत्नी के पास मंगलसूत्र पहले ही थे
फिर भी मैंने उसे आश्वस्त किया
पर हुआ ऐसा कि
तंगी के कारण मैं
मंगलसूत्र नहीं बना सका
पत्नी नाराज़ हो गयी
कई दिन नहीं बोली
बात बात पर उलाहने देती रही
मैंने किसी प्रकार
फण्ड से पैसे उधार ले कर
पत्नी को
मंगलसूत्र ला दिया
पत्नी बेहद खुश हुई
मुझसे लिपट कर बोली
मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ
पत्नी के गले में
मंगलसूत्र जगमगा रहा था
मुझे
माँ का सूना गला
याद आ रहा था.

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...