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संदेश

आंसू

आज अभी निकाल दिया दिल से अपने मुझ को एक पल न सोचा कि अँधेरा हो जायेगा दिल में. २ शांत झील में कंकड़ फेंक कर खुश हो जाते तुम, भूल जाते कि कंकडों को डूबने का दुःख होता है. ३  जो हंसते नहीं उन्हें मुर्दा दिल न समझो, न जाने कितनी रुसवाइयां झेलीं हैं उन ने. ४ कुरेद कुरेद कर दिल के घाव तुम तो नेल पोलिश का बिज़नस कर रहे हो. ५ मेरी ईमानदारी को तराजू पर मत तौलो ज़मीर के बटखरे ही इसे तौल पाएंगे. ६ मेरे आंसुओं को इतना तवज्जो मत देना नज़र-ए-बीमारी का सबब है कि बहती हैं.

दीवाली

नहीं चांदनी घनी रात में दीपों का उजियारा. टिम टिम टिम दीपक चमके अन्धकार का सीना छल के भागा दूर घना अंधियारा .  दीप जलाएं खील उड़ायें धूम पटाखे की मच जाए फुलझड़ियों से  झरा उजियारा. आओ आओ रामू भैया ठेल गरीबी खील खिलैया खा कर हर्षो जग प्यारा.

रावण का पुतला

रावण ! तने क्यों खड़े हो घमंड भरी मुद्रा में जलने के लिए तैयार जल जाओगे क्या फायदा होगा धुंवा और कालिख बन कर घुल जाओगे हवा में मिल जाओगे धूल में इकठ्ठा लोग चले जायेंगे तुम्हारी राख रौंदते हुए क्या फायदा होगा ! आओ मुझ में समा जाओ मेरे ख़ून में घुल जाओ मैं पालूंगा तुम्हे अगले साल तक फिर से खड़ा कर दूंगा जलने के लिए पुतले के रूप में .

राजनीति

सत्ता शराब नहीं पीती घमंड नहीं करती क्योंकि, सत्ता खुद शराब है चढ़ कर बोलती है सर पर घमंड से . २- नेता बनाते हैं मोर्चा और देश को लगाते हैं मोरचा . ३- गांठों के समूह के मिलने को कहते हैं गठबंधन. ४- कई पतियों से तलाक ले चुकी वामा यानि वाम पंथी . ५. सेक्युलर बिना पैजामे का नाड़ा .

मेला- पांच भाव

मेले में भगदड़ मची मरने लगे लोग अधिकारी गिनने लगे मरे हुए लोग और लगाने लगे हिसाब मुआवज़े के लिए बनने वाली और फिर  मिलने वाली रकम का. २- मेले में माँ के हाथ से बेटे का हाथ छूट गया दोनों ढूढ़ रहे थे एक दूसरे को माँ सोच रही थी बेटा बिछड़ गया बेटा रो रहा था मैं खो गया . ३- मेले में आदमी अकेला उसे वापस जाना है अकेला ही. ४- जब जुट जाते हैं बहुत से अकेले तो बन जाता है मेला. ५- अपनों के परायों के मिलने और फिर बिछुड़ जाने को कहते हैं मेला . 

समुद्र- पांच क्षण

छलक आईं मेरी ऑंखें समुद्र के किनारे पास चला आया समुद्र मुझे समझाने . २- याद आ गया गुज़रा ज़माना आ गया समुद्र में ज्वार. ३- नीला समुद्र भूरा आसमान मेरे पास और आसमान पर चाँद ज्वार आ गया. ४- रूठी चली गयी रेत की तरह फिसल गयी ५- मैं बैठा रहा समुद्र के किनारे तुमने डुबकी लगाई तुम मोती ढूंढ लाये मैं खारा हो चला .

निरंकुश कलम

कुछ  लोग कुछ भी लिख डालते है बिन सोचे विचारे क्योंकी, उनके हाथ  में  कलम है वह  इसका  जैसा भी चाहे इस्तेमाल कर सकते है नही  सोचते कि, निरंकुश कलम तलवार को मौका देती है काट ने  का गरदनो के साथ निरंकुश हाथ भी.