सोमवार, 18 अगस्त 2014

सपने देखेगा

सबसे  ऊपर की
मंज़िल पर
कुछ कर रहा आदमी
कभी रुकता
इधर उधर नीचे देखता
आसमान को घूरता
कुछ खोजता सा वह आदमी
अगर गिरेगा
तो मुआवज़ा मिलेगा
उसकी बीवी और बच्चों को
फिर उसकी बीवी भी
काम पर लग जाएगी उसकी तरह
शायद ढोयेगी ईंट
अगर वह,
ठीक से नीचे उतर  आया तो
मज़दूरी लेकर
इमारत के एक कोने में
अपनी पत्नी के साथ मिलकर
खाना बनाएगा
साथियों के साथ भोजपुरी फिल्म का
अश्लील सा गीत गा कर
अपनी थकान मिटाएगा
फिर सो जायेगा
सपने देखेगा
सबसे ऊपर की मंज़िल पर
अपने परिवार के साथ
रहने के।

खबर औरत


खबर
बन जाती है
एक औरत
जब आँख भर देखती है
किसी को.
२-
खबर
लिखने के लिए
शब्द जानना नहीं
आना चाहिए
शब्द जड़ना .
३-
टीवी पर
सामान तब बिकता है
जब औरत अर्धनग्न होती है
अख़बार के लिए
ज़रूरी है
नंगा होना.

गुरुवार, 7 अगस्त 2014

संपर्क - सेतु

नदी पर बना पुल
दोनों ओर बसी
आबादी को जोड़ता
लोग पुल  पार कर
रोज ही मिलते
हाल चाल जानते
गीले शिक़वे करते और सुनते
फिर गले मिल कर
वापस लौट जाते
हर दिन जमता मेला
कभी इस ओर
कभी उस ओर 
खूब खुशियां मनतीं
एक दिन पुल को
बहा ले गया सैलाब
टूट गया संपर्क सूत्र
बढ़ने लगी दूरियां
बढ़ने लगे मतभेद
जुटने लगी उग्र भीड़
उछलने लगे कठोर जुमले
अब तो पहुंचती है
एक दूसरे की बात
नुकीले पत्थरों से
संपर्क सेतु टूटेगा
तो,
और क्या होगा !!!

सोमवार, 21 जुलाई 2014

तस्वीर

चित्रकार ने बनायी थी
एक सुन्दर तस्वीर
लम्बी उँगलियों से खींची थी
रेखाएं
भावनाओं, उमंगों और उम्मीदों के भरे थे
रंग 
बड़ी खिलखिलाती
भविष्य में झांकती आँखों वाली
तस्वीर
कई आँखों ने देखा
चित्रकार की कला को सराहा
कुछ गंदी आँखों ने देखा
भद्दी मुस्कराहट फेंकी
कामुक हांथों से छुआ
पहले धब्बे पड़े
फिर दागदार हुई
अंत में गंदी हो गयी
गैलरी के कोने में
खडी कर दी गयी
सुन्दर तस्वीर।  

बारिश १, २,३, ४, ५

बरसात में
हम तुम मिले
क्या ही अच्छा हो
रोटी मिले.
२-
गरीब को
बारिश से डर नहीं लगता
उसे डर लगता है
टपके से .
३-
बारिश में गरीब
भीगता ज़रूर है
पर भीगता नहीं
क्योंकि,
बरस जाती है झोपड़ी
गीला हो जाता है
आटा.
४-
बाढ़ से डरा हुआ
आदमी और सांप
एक साथ
सांप ने कहा-
डरो नहीं
काटूँगा नहीं
इस मुसीबत में .
आदमी ने
मार दिया सांप को
कम हो गयी
एक मुसीबत .
५-
बारिश में
मुन्ना भीगता नहीं
कहीं कोई
नंगा भीगता है!

रविवार, 20 जुलाई 2014

चीखें

अंधे अंधकार में डूबे
घोर वीराने में
चीख रही है
एक लड़की
जज़्ब हो रहे हैं
उसके
बचाओ बचाओ के शब्द
खामोश सीनों में।
कल सुबह तक
खामोश हो जाएंगी उसकी चीखें
तब ढूंढें जायेंगे सबूत
कि उसके साथ
यह हुआ था
वह नहीं हुआ
ऐसे में
कौन चाहेगा
लड़की हो।  

तीन किन्तु

 गरमी में  चिलकती धूप में  छाँह बहुत सुखदायक लगती है  किन्तु, छाँह में  कपडे कहाँ सूखते हैं ! २-   गति से बहती वायु  बाल बिखेर देती है  कपडे...