गुरुवार, 8 सितंबर 2011

यह बड़े



               एक पार्क में
छोटे बच्चे
पार्क में खेलते हैं.
उनके बड़े
उनसे दूर बैठ कर,
गपियाया करते हैं .
 कभी कभी चिल्ला देते हैं-
यह न करो,
लड़ों नहीं,
यह गन्दी बात है,
मिटटी में क्यूँ लोट रहे हो ?
आदि आदि, न जाने क्या क्या . 
मुझे समझ में नहीं आता,
यह बड़े
दूर बैठ कर
बच्चो को उपदेश क्यूँ देते हैं?
उनकी तरह
लड़ते हुए,
मिटटी में लोटते
और सब कुछ करते हुए
खेलते क्यूँ नहीं ?

रविवार, 4 सितंबर 2011

मेम और फादर

                मैम और फादर
ओ मेरे मास्टर जी,
हम छात्र तुम्हे मास्टर जी कहते थे,
टीचर जी नहीं.
इसके बावजूद
तुमने हमें टीच भी किया.
 इसी टीच यानि शिक्षा का परिणाम है
कि मैं ईमानदारी से नौकरी कर सका,
निष्ठा से अपना काम कर सका
मेहनत करके जन सेवा की.
पर अब कोई, 
मास्टर या मास्टरनी नहीं .
अब फादर या मैम हैं,
जो सिखाते हैं-
बच्चों आपसे कोई बड़ा नहीं,
आप सभी के फादर यानि बाप हो,
कोई हम नहीं  सभी 'मैं' हैं
जिनके आगे 'मैं' लगा हो,
वह मैम और क्या सिखाएंगी.
इसीलिए,
आज मैं की संख्या ज्यादा है,
जनता के सेवक कम
बाप ज्यादा हैं .

शनिवार, 3 सितंबर 2011

बादल का श्राप

              बादल का श्राप
एक बार
बेहद सूखा पड़ा,
अनाज पैदा होना बंद हो गया .
पानी के बिना
धरती का सीना तक फट गया
लोग दुआ करने लगे,
आसमान की ओर हाथ उठा कर, 
जार जार रोने लगे .
यह देख,
आसमान द्रवित हो उठा.
उसने बादल को बुलाया
धरती पर बरसने की आज्ञा दी. 
बादल पानी बरसाने लगा,
पानी इतना बरसा,
इतना बरसा
की बाढ़ आ गयी. 
धरती  जलमग्न हो गयी.
मवेशी मरने लगे
पहले घर डूबे,
फिर लोग डूबने लगे
प्रकृति का प्रकोप देख कर
लोग बिलखने लगे,
आसमान को कोसने लगे
मनुष्य का ऐसा चरित्र देख कर
आसमान ग्लानी से भर गया
उसकी आँखों में,
सतरंगी आंसूं झिलमिला रहे थे.
 यह देख कर बादल
 फूट फूट कर रोने लगा .

आंसुओं का खिलखिलाना

                      आंसुओं का खिलखिलाना
मुझे रोते रोते
खिलखिलाना अच्छा लगता है.
तुम भी देखो ऐसा करके,
सामने के तमाम दृश्य
तुम्हारे आंसुओं के बीच से होते हुए,
तुम्हारी खिलखिलाहट के साथ,
झिलमिलाने लगते हैं.

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

गंदे बच्चे

                 गंदे बच्चे
मैंने देखा,
वह मैले कुचैले बच्चे
गालियाँ बकते हैं,
एक दूसरे की माँ बहन से नाता जोड़ते हैं .
बिना यह जाने
कि
उस सामने वाले बच्चे की माँ भी
उतनी ही ग़रीब और असहाय है,
जितनी उसकी अपनी माँ.
इसके बावजूद  वह बच्चे
एक दूसरे की माँ बहन को
बेईज्ज़त करते रहते हैं .
क्यूंकि वह
इतना तो अच्छी तरह से जानते हैं
कि
जिसकी माँ बहन की वह बेईज्ज़ती कर रहे हैं
वह उतना ही कमज़ोर और असहाय है, 
जितने वह खुद हैं.

शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

ऑमलेट

मैं मुर्गा पैदा करता हूँ
ऐसा सोच कर
अंडे में घमंड गया
यह भांप कर
क्रोधित मुर्गा,
अंडे का
ऑमलेट बना कर खा गया

रविवार, 31 जुलाई 2011

विचार

सोच
तुम कुछ करने के बाद सोचते नहीं,
तुम कुछ करने से पहले सोचते नहीं,
जानते हो इसका मतलब क्या है?
कि तुम कुछ सोचते ही नहीं
उड़ने वाला आदमी
एक आदमी आसमान से ज़मीन पर गिरा
और मर गया
क्या आप बता सकते है कि,
वह कौन था?
नहीं!!!
बताना बहुत आसान है
वह उड़न आदमी था
सांप के बराबर आदमी
एक जगह एक आदमी सो रहा था
उसके ठीक बगल में
एक मरा हुआ सांप पड़ा हुआ था
मैंने इस द्रश्य को देखा,
मन में विचार उठा,
क्या सचमुच
सोया हुआ आदमी
मरे हुए सांप के बराबर होता है?
पाप नहीं किया
आप यकीन नहीं करेंगे,
लेकिन यकीन कीजिये
मैंने अपनी ज़िन्दगी में
कभी कोई पाप नहीं किया,
बुरा काम नहीं किया।
आपको विश्वास नहीं
कोई भी व्यक्ति
पाप या बुरा काम नहीं करता,
अगर वह
किसी पवित्र नदी में स्नान कर चुकता है
अब आप कहोगे कि,
क्या अब मैंने पाप करना छोड़ दिया है?
अगर नहीं
तो मरने से ठीक पहले के पाप का क्या होगा?
दोस्त,
मैंने उसका भी इंतजाम कर लिया है
मेरा अंतिम संस्कार करने के बाद,
राख पवित्र नदी में
बहा दी जाएगी
ारे का टूटना
आसमान से एक तारा टूटता है,
हम सिहर उठते हैं,
लो सितारा टूटा,
कुछ अशुभ होने वाला है
लेकिन,
हम रोज ही,
जाने कितने,
दिल तोड़ते हैं,
तब ऐसा क्यूँ नहीं सोचते?

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...