मंगलवार, 17 जून 2025

कुत्ता था !


एक आदमी और कुत्ता 

चले जा रहे थे - साथ साथ 

कुत्ते के गले मे पट्टा था 

उसकी जंजीर आदमी के हाथ में थी 

आदमी नौकर था 

कुत्ते को टहलाने लाया था 

दोनों ही सोच रहे थे 

कुत्ता सोच रहा है 

यह आदमी कितना अच्छा है 

मुझे टहलाता है 

मेरी टट्टी साफ करता है 

मुझे नहलाता धुलाता भी है 

उसी समय आदमी ने सोचा -

इस कुत्ते के कारण मुझे काम मिला है 

अच्छा पैसा मिलता है 

इसे  मेरी और मुझे इसकी जरुरत है 

इसलिए 

मालिक चाहे मर जाए 

किन्तु यह कुत्ता न मरे 

आदमी की सोच  कुत्ते तक पहुँच गई थी शायद !

इसलिए

कुत्ता घर पहुँच कर मालिक से  चिपट गया 

नौकर की तरफ मुड़ कर नहीं देखा 

कुत्ता स्वामिभक्त था !

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