सोशल मीडिया के विदेश मंत्रियों की दशा देखनी हो उनकी गली चले जाइए. गली की नाली बज- बजा रही है. गंदा पानी भरा हुआ है. यह विदेश मंत्री घर का दरवाजा खोलते हैं. पानी भरा देख कर दो काम कर सकते है यहलोग. या तो सफाई कर्मचारी को बुदबुदाहट में (ध्यान रखियेगा कि यह समस्या इनके सोशल मीडिया पेज पर नहीं आयेगी. सफ़ाई कर्मचारी पर चिल्लाने की औकात नहीं. पैंट की सीयन जो उधडी हुई है) कोसते हुए घर मे दुबक जाएंगे या फिर दूसरों द्वारा लगाई गई ईंटों पर डिस्को करते हुए गुजर जाएंगे. भारत सरकार को विदेश नीति समझाने वाले नाली मे फंसी ईंट या कचरा को डंडे से धकेल कर बाहर नहीं कर सकते ताकि नाली खुल जाये और गली में भरा पानी निकल जाये. इनके कलेजे मे इतनी जान ही नहीं कि बीवी या मोहल्ले वालों या गली के शरारती बच्चों से कह सकें कि कूड़ा नाली मे मत फेंका करो, बच्चों से कह सके कि खेलते हुए ईंट नाली मे मत डालो. हिम्मत ही नहीं है इन सोशल मीडिया वाले विदेश मंत्रियों की.
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