रविवार, 30 जून 2019

निशान

मैं वहाँ जाता हूँ

जहाँ तुम पहली बार मिले थे मैं जानता हूँ

जहाँ तुम मिले थे

वहां होंगे तुम्हारे कदमों के निशान

मैं वहाँ जाता हूँ

यह देखने के लिए कि

तुम होंगे,

कदमों के निशानों के आसपास

अफ़सोस तुम नहीं मिलते

निराश वापस आ जाता हूँ

छोड़ आता हूँ

तुम्हारे निशानों के साथ

अपने कदमों के निशान

इस आस में कि 

शायद कभी वापस आओ

तो जान पाओ कि

मैं वहाँ आया था।

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