कभी सोचता है आदमी !
मर जाने के बाद -
कहाँ जाएगा ?
कैसी जगह होगी ?
मेरे पास क्या होगा ?
कौन मिलेगा वहाँ ?
कौन होगा अपना,
कौन पराया ?
तब क्यों सोचता है ?
मरने से पहले,
कहाँ ! कैसे !! क्या और कितना !!!
अपना और पराया !
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