जो
जो
टाला न जा सके
वह घोटाला ।
जो
उगला न जा सके
टाला न जा सके
वह घोटाला ।
जो
उगला न जा सके
वह निवाला।
जो
समझा न जा सके
वह गड़बड़झाला।
जो
सब भूल जाए
वह हिन्द वाला ।
जो
समझा न जा सके
वह गड़बड़झाला।
जो
सब भूल जाए
वह हिन्द वाला ।
(2)
बाज़ार मे कसाई
जो काट कर बेचे
उसे
नरम गोश्त कहते हैं।
फिल्मों में हीरोइन
जो कपड़ा फाड़ कर बेचे
उसे
गरम गोश्त कहते हैं।
जो काट कर बेचे
उसे
नरम गोश्त कहते हैं।
फिल्मों में हीरोइन
जो कपड़ा फाड़ कर बेचे
उसे
गरम गोश्त कहते हैं।
फर्क
मेरे सामने तुम मुसकुराते नज़र आओ ऐ दोस्त,
मेरे सामने होने का फर्क नज़र आना ही चाहिए।
मेरे सामने होने का फर्क नज़र आना ही चाहिए।
(1)
भूखा आदमी
तेज़ भूख लगने पर
अपनी व्यथा
दोनों हाथों से पेट सहला कर
व्यक्त करता है ।
लेकिन
जब भोजन आता है तो
उसे खाता एक ही हाथ से है।
तेज़ भूख लगने पर
अपनी व्यथा
दोनों हाथों से पेट सहला कर
व्यक्त करता है ।
लेकिन
जब भोजन आता है तो
उसे खाता एक ही हाथ से है।
तुमने मुझे
बेकार कागज़ की तरह
फेंक दिया था ज़मीन पर।
गर पलट कर देखते
तो पाते कि मैं
बड़ी देर तक हवा के साथ
उड़ता रहा था
तुम्हारे पीछे।
बेकार कागज़ की तरह
फेंक दिया था ज़मीन पर।
गर पलट कर देखते
तो पाते कि मैं
बड़ी देर तक हवा के साथ
उड़ता रहा था
तुम्हारे पीछे।
(2)
मेरे आँगन में शाम बाद होती है
पहले उनके घर अंधेरा उतरता है।
पहले उनके घर अंधेरा उतरता है।
(3)
देखो मैं रास्ते में पड़ा रुपया उठा लाया हूँ।
पर वहाँ एक बच्चा अभी भी पड़ा होगा।
पर वहाँ एक बच्चा अभी भी पड़ा होगा।
(4)
मेरे आसमान पर चाँद है तारे हैं, पंछी नहीं।
सुना है ज़मीन पर आदमी भी भूखा है।
सुना है ज़मीन पर आदमी भी भूखा है।
(5)
दोस्त तुम मुझ पर हँसते हो तो मुझे खुशी होती है
कि चलो कुछ मनहूसों को हँसाया तो मैंने।
कि चलो कुछ मनहूसों को हँसाया तो मैंने।
bahut khoobsurat prstuti...bahu bahut badhayee
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