पिता के मायने
सबके लिए अलग अलग होते हैं
किसी के लिए फादर है
किसी के लिए पा या डेड़ी है
यह अपनी भाषा में पिता समझने के शब्द है
... पर
पिता को समझना है तो
पिता की भाषा समझो
जो केवल व्यक्त होती है
अपने बच्चे को देखती चमकदार आँखों से
बच्चे को उठाए हाथों के स्पर्श से
बीमार पड़ने पर रात रात जागती
आँखों के उनींदेपन से
बच्चे की परवरिश करने की तन्मयता से
बच्चे के भविष्य में अपना भविष्य खोजती बेचैनी से
जिसे आम तौर पर बच्चा
देख नहीं पाता
इसलिए
अपनी भाषा में कहता है-
मेरे फादर थे,
मेरे पा थे
मेरे डैडी थे।
सबके लिए अलग अलग होते हैं
किसी के लिए फादर है
किसी के लिए पा या डेड़ी है
यह अपनी भाषा में पिता समझने के शब्द है
... पर
पिता को समझना है तो
पिता की भाषा समझो
जो केवल व्यक्त होती है
अपने बच्चे को देखती चमकदार आँखों से
बच्चे को उठाए हाथों के स्पर्श से
बीमार पड़ने पर रात रात जागती
आँखों के उनींदेपन से
बच्चे की परवरिश करने की तन्मयता से
बच्चे के भविष्य में अपना भविष्य खोजती बेचैनी से
जिसे आम तौर पर बच्चा
देख नहीं पाता
इसलिए
अपनी भाषा में कहता है-
मेरे फादर थे,
मेरे पा थे
मेरे डैडी थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें