बच्चा जब रोता है
चुपके चुपके सुबकता सा
सबसे छुपता छुपाता
क्यूंकि
माँ देख लेगी
या कोई और देख कर माँ को बताएगा
तो माँ डांटेगी-
क्यूँ रोता है
न मिलने वाली हर चीज़ के लिए
जिद्द करते हुए ?
बच्चा
फिर भी रोता रहता है
जानते हुए भी, कि,
उसे वह चीज़ नहीं मिल सकती
ऐसे में उसे
चीज़ न मिल पाने का दुःख रुलाता है .
बड़े हो जाने के बावजूद
आज भी
वह बच्चा रोता है
चुपचाप सुबकता हुआ
इसलिए नहीं, कि,
उसे
मनचाही चीज़ नहीं मिल सकती
बल्कि इसलिए
कि वह छुपाना चाहता है
अपने दुःख को
जिसे वह सब को दिखा नहीं सकता
इसी व्यक्त न कर पाने की मजबूरी का दुःख
उसे रुलाता है
एक बच्चे की तरह.
चुपके चुपके सुबकता सा
सबसे छुपता छुपाता
क्यूंकि
माँ देख लेगी
या कोई और देख कर माँ को बताएगा
तो माँ डांटेगी-
क्यूँ रोता है
न मिलने वाली हर चीज़ के लिए
जिद्द करते हुए ?
बच्चा
फिर भी रोता रहता है
जानते हुए भी, कि,
उसे वह चीज़ नहीं मिल सकती
ऐसे में उसे
चीज़ न मिल पाने का दुःख रुलाता है .
बड़े हो जाने के बावजूद
आज भी
वह बच्चा रोता है
चुपचाप सुबकता हुआ
इसलिए नहीं, कि,
उसे
मनचाही चीज़ नहीं मिल सकती
बल्कि इसलिए
कि वह छुपाना चाहता है
अपने दुःख को
जिसे वह सब को दिखा नहीं सकता
इसी व्यक्त न कर पाने की मजबूरी का दुःख
उसे रुलाता है
एक बच्चे की तरह.
वह बच्चा रोता है
जवाब देंहटाएंचुपचाप सुबकता हुआ
इसलिए नहीं, कि,
उसे
मनचाही चीज़ नहीं मिल सकती
बल्कि इसलिए
कि वह छुपाना चाहता है
अपने दुःख को
जिसे वह सब को दिखा नहीं सकता
इसी व्यक्त न कर पाने की मजबूरी का दुःख
उसे रुलाता है
एक बच्चे की तरह.
उक्त पंक्तिया अच्छी लगी