क्या
ईश्वर ने
बीज,पौंधे, पेड़, पशु-पक्षी और मनुष्य
इसलिए बनाये कि
पौंधा पेड़ बन कर बीज को सुखा दे?
शेर मेमने को निगल ले,
बाज मैना को झपट जाए?
ताक़तवर कमज़ोर को सताए
मनुष्य जीवित मनुष्य को मृत कर दे?
अगर ब्रह्मा को
अपनी पृकृति यूँ ही ख़त्म करनी होती
तो पालने और रक्षा करने वाले
विष्णु क्यों बार बार जन्म लेते
ब्रह्मा ही
खुद शंकर बन कर
अपनी पृकृति स्वयं नष्ट न कर देते?
ईश्वर ने
बीज,पौंधे, पेड़, पशु-पक्षी और मनुष्य
इसलिए बनाये कि
पौंधा पेड़ बन कर बीज को सुखा दे?
शेर मेमने को निगल ले,
बाज मैना को झपट जाए?
ताक़तवर कमज़ोर को सताए
मनुष्य जीवित मनुष्य को मृत कर दे?
अगर ब्रह्मा को
अपनी पृकृति यूँ ही ख़त्म करनी होती
तो पालने और रक्षा करने वाले
विष्णु क्यों बार बार जन्म लेते
ब्रह्मा ही
खुद शंकर बन कर
अपनी पृकृति स्वयं नष्ट न कर देते?
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