शनिवार, 22 जून 2019

श्मशान-कब्रिस्तान


वह जगह है

श्मशान जहॉं,

चार कन्धों और भीड़ के साथ गया आदमी

राख  में मिल जाता है।

वह जगह है

क़ब्रिस्तान जहॉं

जनाज़े पर लेटा शख़्स भी

ज़मीन की गहराई में दफ़्न होता है ।

लेकिन,

वह शै है मौत !

जो आखिरी तक साथ रहती है आदमी के

श्मशान में भी, कब्रिस्तान में भी।

याद

मैं जानता था कि तुम मुझे भूल न पाओगे ,
इसलिये आता हूँ बार बार यादों में तुम्हारी ।

बुधवार, 19 जून 2019

स्वार्थ !

पिता मर गए थे
माँ खूब रोई
बहुत दिनों तक
दूर शून्य में देखती बैठी रहती

बाद में पता चला
सोचती रहती थी
मेरे बारे में
कैसे अच्छा लिखा पढ़ा पाऊंगी अपने लल्ला को !

आज माँ मर गई
बीवी 
कुछ ही देर में 
रसोई सम्हालने में लग गई
नन्हे को चुप करने में झल्लाने लगी 

मैं बैठा सोचता रहा देर तक

उस कुर्सी को देखता रहा देर तक

जिस पर बैठा करती थी माँ
सम्हाले रखती थी नन्हे को
आंसू की बूँद न गिरने देती

कैसे होगा अब यह

मर गई  है माँ।


फर्क

मुझमे

और तुम मे

फर्क सोच का है

मैं सोचता हूँ


तुम सोचते तक नहीं।

रोटी और डबलरोटी

गरीब की बेटी
बहुत भूखी थी
रोटी नहीं मिली थी
दो दिनों से। 

सामने के साहब की लड़की
खा रही थी
डबल रोटी
कई दिनों से। 

गरीब की बेटी लालच से देख रही

साहब की लड़की ने फेंक दी
डबल रोटी

लपक ली
उसके बुलडॉग ने !

आजकल


आजकल

आसमान पर

बादल गरजते हैं 

नेताओं की तरह।

सरल

आजकल

जितना कठिन है

सच को सच मानना

उतना ही सरल है

झूठ को सच बना देना।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...