शुक्रवार, 10 जून 2016

चौराहे पर

हर चौराहे पर
खडी कर दी हैं
दीवारें
यह दीवारे रोकती नहीं
रोकना
प्रतिरोध को जन्म देता है
क्रांति की ओर  पहला कदम है
यह दीवारे
आदमी को भटकाती हैं
क्योंकि,
भटका हुआ आदमी
कभी वापस नहीं आ पाता 

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

लगते हो अच्छे !

सच में कहूं 
बताऊ कैसे,
तुम मुझको 
लगते हो अच्छे !
बीता बचपन
जवां हुई यादें
दिन का हंसना
रात की बातें
हंसते मुख पर
दांत चमकते
जैसे मोती हों सच्चे !
तुम आते थे
फिर जाने को,
कह जाते थे
फिर आने को
कब तक होगी आवाजाही
बता भी देते
नहीं थे बच्चे !
बीता बचपन
आई जवानी
भूली बिसरी
वही कहानी
बिदा हुए तुम
उन यादों से
जिसमे आते थे  सज के. 

गुरुवार, 7 जनवरी 2016

आग

वह जिंदा
आग उगलता रहा
जीवित रहा जब तक
मरा
इलेक्ट्रिक फर्नेस में
आग का गोला बन राख हो गया
भक से।

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...