आप
थकने लगते हैं
जब
आपके पैरों को
लगता है
कि वह
आपका शरीर ढो रहे हैं.
२-
जो
जीवन भर
किसी को कुछ नहीं देते
वह
बंद मुट्ठी के साथ
चले जाते हैं
दुनिया से.
३.
आंसू
इसलिए नहीं बहते
कि आँखों को दर्द होता है
आंसू
इसलिए बहते हैं
कि अब दिल में
दर्द नहीं होता।
४.
अब लोग
दिल से काम नहीं लेते
क्यूंकि,
दिमाग के काम के लिए
टीवी ले लिया है.
५.
अगर मेरी मदद
जीभ और खाल न करती
तो मैं
ज़हर खा लेता
आग लगा लेता।
६.
बरसात में
नज़र आएगा
आम आदमी
सर पर
आम ढोता हुआ.
थकने लगते हैं
जब
आपके पैरों को
लगता है
कि वह
आपका शरीर ढो रहे हैं.
२-
जो
जीवन भर
किसी को कुछ नहीं देते
वह
बंद मुट्ठी के साथ
चले जाते हैं
दुनिया से.
३.
आंसू
इसलिए नहीं बहते
कि आँखों को दर्द होता है
आंसू
इसलिए बहते हैं
कि अब दिल में
दर्द नहीं होता।
४.
अब लोग
दिल से काम नहीं लेते
क्यूंकि,
दिमाग के काम के लिए
टीवी ले लिया है.
५.
अगर मेरी मदद
जीभ और खाल न करती
तो मैं
ज़हर खा लेता
आग लगा लेता।
६.
बरसात में
नज़र आएगा
आम आदमी
सर पर
आम ढोता हुआ.