किसी के मरने पर लोग
चाकू को दोष देते हैं
उसकी धार कुंद कर देते हैं
लेकिन, हाथ !
वह सदा हमारे साथ.
२ )
बनाने के लिए
घरौंदा
जुटते हैं दोनों हाथ
गिराने के लिए
घरौंदा
काफी है एक ही हाथ .
३)
चढते सूरज को
जोड़ते हैं दोनों हाथ
जलने से
कौन नहीं डरता
४)
माता पिता
दामाद को
थमा देते हैं
बेटी का हाथ
फिर नहीं देते
बेटी का साथ।
५)
पौंधा रोपने के लिए
हाथ सहेजते हैं
पौंधे को
पेड़ काटने के लिए
हाथ पकड़ते हैं
कुल्हाड़ी को !
चाकू को दोष देते हैं
उसकी धार कुंद कर देते हैं
लेकिन, हाथ !
वह सदा हमारे साथ.
२ )
बनाने के लिए
घरौंदा
जुटते हैं दोनों हाथ
गिराने के लिए
घरौंदा
काफी है एक ही हाथ .
३)
चढते सूरज को
जोड़ते हैं दोनों हाथ
जलने से
कौन नहीं डरता
४)
माता पिता
दामाद को
थमा देते हैं
बेटी का हाथ
फिर नहीं देते
बेटी का साथ।
५)
पौंधा रोपने के लिए
हाथ सहेजते हैं
पौंधे को
पेड़ काटने के लिए
हाथ पकड़ते हैं
कुल्हाड़ी को !
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