मैं देना चाहता हूँ
उन लोगों को
जन्मदिन की बधाइयाँ
जो अपना जन्मदिन नहीं मना पाते
जिन्हे कोई हॅप्पी बर्थड़े नहीं कहता
लेकिन क्या करूँ
उनके माता पिता तक को याद नहीं
कि
कब और कैसे
पैदा हो गए वह।
2-
अगर दरख्त
फूल फल न देते
तो भी
आज की तरह कटते।
3
उन्हे खूबसूरत कह कर मुसीबत मोल ले ली मैंने,
अब वह आईने की तरह इस्तेमाल करते हैं मुझे।
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शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013
बुधवार, 20 फ़रवरी 2013
समय और समझ
समय और समझ
सगे भाई बहन हैं
समय बड़ा
समझ उसकी छोटी बहन
समय की उंगली पकड़
समझ बड़ी होती है
समय के साथ मिले
अनुभव से
समझ परिपक्व होती है
समय की हथेली में
समझ निवास करती है
समय हमेशा
समझ की रक्षा करता है
तभी तो समय
सदा बलवान होता है।
सगे भाई बहन हैं
समय बड़ा
समझ उसकी छोटी बहन
समय की उंगली पकड़
समझ बड़ी होती है
समय के साथ मिले
अनुभव से
समझ परिपक्व होती है
समय की हथेली में
समझ निवास करती है
समय हमेशा
समझ की रक्षा करता है
तभी तो समय
सदा बलवान होता है।
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
खुश रहो
देना चाहता हूँ शुभकामनायें
उन लोगों को, जो,
माना नहीं पाते
अपना जन्मदिन
काट नहीं पाते केक,
बाँट नहीं पाते उपहार, मिठाइयां और
ढेर सारी खुशियां।
मगर कैसे दूँ
उन्हे खुद याद नहीं अपने जन्म की तारीख
वह तो पैदा हो गए थे
ऐसे ही
पिता मजूरी करके आते
माँ बर्तन माँजती, झाड़ू पोछा करती
दोनों थके होते
सोना चाहते
पिता की इच्छा कुलांचे मारती
वह माँ को अपनी ओर खींचते
माँ कसमसाती
पर विरोध नहीं कर पाती
समर्पण कर देती खुद को
पति को ।
फिर दोनों सो जाते
भूल जाते
कोई जीव बन सकता है
इस कारण
इसीलिए
जब यह बच्चे पैदा होते हैं/तो
उनके माता पिता तक
भूल जाते हैं उनके जन्म की तारीख।
इसलिए/देना चाहता हूँ
कहना चाहता हूँ-
जब पैदा हो ही गए हो
तो खुश रहो।
उन लोगों को, जो,
माना नहीं पाते
अपना जन्मदिन
काट नहीं पाते केक,
बाँट नहीं पाते उपहार, मिठाइयां और
ढेर सारी खुशियां।
मगर कैसे दूँ
उन्हे खुद याद नहीं अपने जन्म की तारीख
वह तो पैदा हो गए थे
ऐसे ही
पिता मजूरी करके आते
माँ बर्तन माँजती, झाड़ू पोछा करती
दोनों थके होते
सोना चाहते
पिता की इच्छा कुलांचे मारती
वह माँ को अपनी ओर खींचते
माँ कसमसाती
पर विरोध नहीं कर पाती
समर्पण कर देती खुद को
पति को ।
फिर दोनों सो जाते
भूल जाते
कोई जीव बन सकता है
इस कारण
इसीलिए
जब यह बच्चे पैदा होते हैं/तो
उनके माता पिता तक
भूल जाते हैं उनके जन्म की तारीख।
इसलिए/देना चाहता हूँ
कहना चाहता हूँ-
जब पैदा हो ही गए हो
तो खुश रहो।
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
करोड़पति मुर्दा
यकायक
वह शांत हो गया
सांस रुक गयी
शायद मर गया था
आसपास इकट्ठा लोग रोने लगे
बेटा, बेटी और पत्नी
क्रमानुसार अपेक्षाकृत ज़्यादा ज़ोर से रो रहे थे।
यकायक
उसने आँख खोई
रोते हुए लोगों को देख कर घबरा गया
बोला- क्या हुआ?
क्यों रो रहे हो तुम सब।
यह देख कर
रोने के स्वर ज़्यादा तेज़ हो गए
करोड़पति मुर्दा ज़िंदा जो हो गया था।
वह शांत हो गया
सांस रुक गयी
शायद मर गया था
आसपास इकट्ठा लोग रोने लगे
बेटा, बेटी और पत्नी
क्रमानुसार अपेक्षाकृत ज़्यादा ज़ोर से रो रहे थे।
यकायक
उसने आँख खोई
रोते हुए लोगों को देख कर घबरा गया
बोला- क्या हुआ?
क्यों रो रहे हो तुम सब।
यह देख कर
रोने के स्वर ज़्यादा तेज़ हो गए
करोड़पति मुर्दा ज़िंदा जो हो गया था।
सोमवार, 4 फ़रवरी 2013
घर बनाने की बात करें
न तुम कुफ़र करो, न हम पाप करें।
मिल बैठ कर इंसानियत की बात करें।
लड़ भिड़ कर जलाए कई आशियाने
आओ अब इक घर बनाने की बात करें।
हमने जलाया है, खोया है, बांटा है,
आओ अब कुछ जुटाने की बात करें।
मेरा धर्म तुम्हारे मजहब से मिलता नहीं,
धर्म को मजहब से मिलाने की बात करें।
गुलशन वीरान, रौंद दिये पौंधे सारे,
आओ कल को सजाने की बात करें।
मिल बैठ कर इंसानियत की बात करें।
लड़ भिड़ कर जलाए कई आशियाने
आओ अब इक घर बनाने की बात करें।
हमने जलाया है, खोया है, बांटा है,
आओ अब कुछ जुटाने की बात करें।
मेरा धर्म तुम्हारे मजहब से मिलता नहीं,
धर्म को मजहब से मिलाने की बात करें।
गुलशन वीरान, रौंद दिये पौंधे सारे,
आओ कल को सजाने की बात करें।
शनिवार, 2 फ़रवरी 2013
ग़ज़ल
मेरे देश के कानून इतने मजबूत हैं,
कि बनाने वाले ही इन्हे तोड़ते है.
2.
रास्ते के पत्थर मारने को बटोरता नहीं,
उम्मीद है कि मकान-ए-इंसानियत बना लूँगा।
3.
क़ातिल नहीं कि लफ्जों से मरूँगा तुमको,
इसके लिए तो मेरे लफ्ज ही काफी हैं।
4.
दुश्मनी करो इस तबीयत से
कि दुश्मन भी लोहा मान ले।
5.
आईना इस कदर मेहरबान है मुझ पर
जब भी मिलता है हँसते हुए मिलता है।
कि बनाने वाले ही इन्हे तोड़ते है.
2.
रास्ते के पत्थर मारने को बटोरता नहीं,
उम्मीद है कि मकान-ए-इंसानियत बना लूँगा।
3.
क़ातिल नहीं कि लफ्जों से मरूँगा तुमको,
इसके लिए तो मेरे लफ्ज ही काफी हैं।
4.
दुश्मनी करो इस तबीयत से
कि दुश्मन भी लोहा मान ले।
5.
आईना इस कदर मेहरबान है मुझ पर
जब भी मिलता है हँसते हुए मिलता है।
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