गणतंत्र दिवस पर
राष्ट्र ध्वज
आसमान पर लहराता है
फहर फहर कर
हवा में गोते लगाता है
समुद्र की लहरों सा
उन्मुक्त नज़र आता है
यह राष्ट्रीय ध्वज
हम भारत गणतंत्र के गण
हर 26 जनवरी फहराते हैं !
गलत,
हम ध्वज के साथ
फहराये कब !
ध्वज की उन्मुक्तता के साथ
आकाश में लहराये कब
हमने कहाँ अनुभव की
ध्वज की प्रसन्नता
कहाँ महसूस की
स्वतंत्र वायु की प्रफुल्लता
हम तो बस गण है
जन गण मन गाने को
और फिर अगले साल तक
सो जाने को।
ati sundar sir
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