दो सखियों या बहनों
या फिर माँ बेटी जैसा
आँखों का
आंसुओं से रिश्ता
एक महसूस करती
दूसरी छलक पड़ती
एक रोती
दूसरी बह निकलती
क्योंकि
बहनों-सखियों जैसा
माँ बेटी का यह रिश्ता है
दर्द का
जब बढ़ जाता है
दर्द
हद से ज़्यादा
तब
बिलखने लगती हैं आंखे
निकलने लगते हैं आँसू
या फिर माँ बेटी जैसा
आँखों का
आंसुओं से रिश्ता
एक महसूस करती
दूसरी छलक पड़ती
एक रोती
दूसरी बह निकलती
क्योंकि
बहनों-सखियों जैसा
माँ बेटी का यह रिश्ता है
दर्द का
जब बढ़ जाता है
दर्द
हद से ज़्यादा
तब
बिलखने लगती हैं आंखे
निकलने लगते हैं आँसू
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