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हिमखंड

तुम मुझे कितना जानते हो?
हिमखंड जितना!
मुझे जानना हो तो तुम्हें
समुद्र की गहराइयाँ नापनी होंगी।
क्यूंकि
मैं हिमखंड जैसा हूँ
जितना बाहर से दिखता हूँ।
उससे कई गुना बड़ा
समुद्र के अंदर होता हूँ।
चूंकि तुम में
समुद्र नापने का माद्दा नहीं
इसलिए
तुम मुझे
समुद्र की सतह से देख कर
मान लेते हो
कि तुमने मुझे जान लिया
और फिर
अपनी कमी को
मेरी कमी बता कर कहते हो
कि मैं सतही हूँ। 

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