मेरे पियक्कड़ मित्र
तुम मुझे नशे में चूर
झूमते, लड़खड़ाते, बहकते और गाली बकते
अच्छे लगते हो.
अच्छे लगते हो,
लड़खड़ा कर गिरते
किसी नाले या गड्ढे में
और फिर निकलते
यह बडबडाते हुए -
अरे, यह गड्ढा कहाँ से आ गया ?
मुझे अच्छा लगता है
क्यूंकि,
तुम सत्ता या दौलत के नशे में नहीं झूम रहे
तुम किसी कमज़ोर को गाली नहीं बक रहे
अपने लड़खड़ाते क़दमों के नीचे रौंद नहीं रहे
तुम अनायास आये गड्ढे में गिरने के बावजूद
उनसे अच्छे हो
जो मदमस्त होकर
कुछ इस तरह गिरते हैं
कि फिर उठ नहीं पाते
अपने बनाए खड्ड में गिरकर
निकल नहीं पाते.
तुम मुझे नशे में चूर
झूमते, लड़खड़ाते, बहकते और गाली बकते
अच्छे लगते हो.
अच्छे लगते हो,
लड़खड़ा कर गिरते
किसी नाले या गड्ढे में
और फिर निकलते
यह बडबडाते हुए -
अरे, यह गड्ढा कहाँ से आ गया ?
मुझे अच्छा लगता है
क्यूंकि,
तुम सत्ता या दौलत के नशे में नहीं झूम रहे
तुम किसी कमज़ोर को गाली नहीं बक रहे
अपने लड़खड़ाते क़दमों के नीचे रौंद नहीं रहे
तुम अनायास आये गड्ढे में गिरने के बावजूद
उनसे अच्छे हो
जो मदमस्त होकर
कुछ इस तरह गिरते हैं
कि फिर उठ नहीं पाते
अपने बनाए खड्ड में गिरकर
निकल नहीं पाते.
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