हँसता सूर्य
राक्षस से पहाड़
हिम्मत मेरी
२-
नदी की धार
गोरी की कमरिया
मुग्ध देखूं मैं.
३-
बहती हवा
ममता का आँचल
मेरा सुकून
४-
चुभती धूप
भीष्म की शर शैया
मैं हूँ बेचैन
५-
आ गयी रात
रो रहे हैं कुत्ते
रो रहे हैं कुत्ते
बच्चे सो गए.
6-
शीत लहरी
पत्ते पीले हो गए
बुड्ढा मरेगा.
शीत लहरी
पत्ते पीले हो गए
बुड्ढा मरेगा.
7-
सूना आकाश
उड़ते चील कौव्वे
मेरी तमन्ना
८-
काले बादल
विधवा रो रही है
जल ही जल
९-
प्रिय न आये
शाम बीत रही है
आँखों में रात
१०-
रात आ गयी
जुगनू उड़ रहे
दिखती राह
जुगनू उड़ रहे
दिखती राह
१३.
दुल्हन आई
आँगन में बौछार
बौराया मन .
१४.
बौर आ गयी
बारात आ रही है
खुशी की बात .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें