शनिवार, 23 जुलाई 2011

आवारा बादल

आवारा बादल
देखो आसमान में,
बादल का एक टुकड़ा,
भटकता फिर रहा है।
हम उसे देख कर,
आवारा बादल कहते हैं
कभी उस पर कुछ कह देते हैं,
कभी कुछ नहीं भी कहते।
ऐसे ही न जाने कितने,
आवारा बादल
आसमान में भटकते फिरते हैं,
और
आवारा बादल का नाम पाते हैं।
लेकिन,
जब यह सारे आवारा बादल,
एक साथ मिल जाते हैं,
तो बारिश के बादल बन जाते हैं।
और
हम कहते हैं-
लो सावन आ गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...