मंगलवार, 24 जनवरी 2012

विकास

मुझे मालूम नहीं था कि,
विकास की आंधी ऐसी होती है
जिसमे वन काट दिये जाते हैं,
हरियाली खत्म हो जाती है।
वनों में शांत विचरने वाला सिंह
विकास के अभ्यारण्य में आकर
आदमखोर हो जाता है
और मार दिया जाता है।
ऐसे कंक्रीट के जंगल में
इंसान इंसान नहीं रहता
भेड़िया बन जाता है।

वसंत

मैं आजतक नहीं समझ पाया,
कि,
वसंत ऐसा क्यूँ होता है?
उसके आने से पहले
पेड़ पर पत्ते सूख जाते हैं,
अपनी साखों से झड़ जाते हैं।
फिर मादक वसंत आता है,
हरे पत्तों,
सुंदर सुंदर पुष्पों
और चारों ओर हरियाली के साथ
जग को हर्षाता है,
मन गुदगुदाता है।
मगर ऐसा क्यूँ होता है कि,
उसके जाने के बाद
ग्रीष्म ऋतु आती है
क्रोधित सूरज
आग उगलने लगता  है
वनस्पति, जीव और जन्तु
कुम्हला जाते हैं,
व्याकुल हो जाते हैं।
हे प्रकृति !
वासंतिक सौंदर्य का
यह कैसा प्रारंभ
यह कैसा अंत।

शनिवार, 14 जनवरी 2012

बूढ़ी

टिमटिमाती लालटेन की रोशनी
एक बूढी औरत
लालटेन की रोशनी की तरह
खाना बना रही
अपने, पति और बच्चों के लिए .
मंद प्रकाश के कारण,
खदबदाती भदेली में झांकती जाती है
कि खाना कितना पका.
रोटी बनाते समय
हाथ जल जल जाते हैं
क्यूंकि
काले तवे और अन्धकार में फर्क कहाँ
सब आते हैं,
खाना खाते हैं
बूढ़ी भी खाना  खाती है
बर्तन और चौका साफ़ कर सहेज देती है
सभी सो गए हैं
लालटेन की रोशनी धप्प धप्प कर रही है
और बूढ़ी की नींद में डूबी पलकें भी,
रात के अँधेरे में ग़ुम हो जाने के लिए .

मंगलवार, 10 जनवरी 2012

पतझड़

दरवाज़े पर खडखडाहट हुई
किसी के आने की आहट हुई
मैंने दरवाज़ा खोला
बिखरे सूखे पत्तों के साथ
पतझड़ खड़ा था.
मेरे मुंह से अनायास निकल गया-
आहा, पतझड़ आ गया.
यकायक पतझड़ खड़ खड़ाया
उदास स्वर में बोला-
मैं पिछले एक महीने से
पीले पत्तों सा बिखरा
घर घर जा रहा हूँ
मुझे देखते ही हर मनुष्य भयभीत हो जाता है
दरवाज़ा क्या खिडकी भी बंद कर लेता है
केवल तुम हो जो प्रसन्न हो.
मैंने कहा-
तुम संदेशवाहक हो,
तुम शरीर की नश्वरता के प्रतीक हो कि
ऊंचे पेड़ों की डाल पर चढ़े
पत्तों को भी
पीला हो कर बिखर जाना है
धरा में गिर कर मिटटी में मिल जाना है.
लेकिन
तुम वसंत के आने का सन्देश भी लाते हो
तुम जाओगे तो वसंत आएगा.
नए नए पत्ते हरियाली बिखेरेंगे
और फूल खिल कर रंग बिखेरेंगे
तुम तो जीवन के प्रतीक वसंत के संदेशवाहक हो.
इसलिए मैं तुम्हे देख कर भयभीत नहीं.
आओ पतझड़ आओ!!!

शनिवार, 7 जनवरी 2012

बड़ा साँप

एक आदमी को
साँप ने काट लिया
क्रोधित आदमी ने पलट कर
साँप को काट लिया
और फिर चमत्कार हुआ
जब आदमी के काटने से साँप मर गया
आज आदमी ज़िंदा है
आदमी  जिसे काटता है
वह मर जाता है।
सबसे बड़ा साँप बन गया है
आज आदमी।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

राहगीर

राहगीर
जब चलने लगा
तो रास्ते ने उस से पूछा-
मित्र, मैं तुम्हारा साथ देता हूँ
तुम्हे राह दिखाता हूँ
और तुम हो
कि मुझे छोड़ कर जा रहे हो
क्यूँ मेरा साथ नहीं देते?
क्यूँ हम साथ साथ नहीं रहते?
राहगीर ने कहा-
तुम मेरे पथ प्रदर्शक हो
मुझे लक्ष्य तक पहुंचना है
मैं तुम पर चल कर अपने लक्ष्य पर पहुंचूंगा
इसलिए मुझे तो जाना ही होगा
लेकिन, तुम अकेले कहाँ हो?
अभी और राहगीर हैं
जो आएंगे, तुमसे रास्ता पाएंगे
आगे बढ़ने का.
तुम अगर मेरे साथ चलोगे
तो बेशक मैं राह पा जाऊँगा
अपनी मंजिल तक पहुँच जाऊंगा
लेकिन, बाक़ी का क्या होगा?
उन्हें रास्ता दिखाना
और मंजिल तक पहुंचाना है तुम्हे
इसे तुम तभी कर सकते हो
जब तुम यही रहो
मेरे साथ चल कर तो तुम
राह नहीं राहगीर बन जाओगे
ऐसे में
मार्गदर्शन के बिना
खुद तुम भी भटक जाओगे .

अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...