कटप्पा ने अपने महिष्मति राज्य के महाराज और अपनी बहन के बेटे अमरेंद्र बाहुबली को क्यों मारा ? पूरे हिंदुस्तान को यह सवाल पूरे दो साल से मथ रहा था। एस एस राजामौली ने फिल्म के अंत में कटप्पा से बाहुबली को मरवा कर, खुद उसी के मुंह से यह सवाल पुछवा दिया था कि मैंने बाहुबली को क्यों मारा ! यह इकलौता ऐसा सवाल था, जिसे सभी पूछ रहे थे। इस सवाल पर सभी भारतीय थे। न कोई बिहारी था, न कोई बाहरी। हर मुंह से अलग सवाल नहीं थे। अन्यथा हमारे देश में तीन तलाक़ क्यों ? बाबरी मस्जिद क्यों ढहाई गई ? बुर्के पर सवाल अलग। बोलने की आज़ादी क्यों नहीं ? हिन्दू साम्प्रदायिकता और मुस्लिम साम्प्रदायिकता पर अलग अलग सवाल होते हैं। यह सवाल ठेठ सांप्रदायिक होते हैं। मसलन, किसी सवाल को केवल हिन्दू पूछता है तो किसी दूसरे सवाल को सिर्फ कोई मुसलमान ही या फिर सिर्फ सेक्युलर ही पूछता है। अब यह बात दीगर है कि कोई भी किसी सवाल का जवाब नहीं देना चाहता। सिर्फ कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ही ऐसा इकलौता सवाल था, जो पूर्णतया सेक्युलर प्रकृति का था। यानि इसे हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई और आईएसआईएस सभी पूछ रहे थे। मज़े की बात यह थी कि सभी अपने अपने तई इसके जवाब भी दे रहे थे। २८ अप्रैल को, जब बाहुबली का दूसरा हिस्सा प्रदर्शित हुआ, इस सेक्युलर प्रकृति के सवाल का जवाब हर सेक्युलर और कम्युनल को मिल गया। सभी संतुष्ट भी थे। हाँ बाहुबली को कटप्पा ने यो मारा ! यहाँ एक ख़ास बात और थी ! ख़ास बात यह कि फिल्म देख कर निकलने वाला हर शख्स सेक्युलर हो कर निकल रहा था। इस प्रकार कि निकलने वाले हर शख्स को मालूम था कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ? लेकिन बाहर निकल कर सेक्युलर बना इस सवाल का जवाब देने के लिए तैयार नहीं था। जब भी किसी से पूछा जाता, उसका जवाब एक ही होता- फिल्म देख लो, खुद जान जाओगे। अपने देश में इतनी एकता तो मैंने आजतक महात्मा गांधी तक पर भी नहीं दिखी।
फिल्म देखने के बाद सभी संतुष्ट थे। कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ? ठीक ही मारा। वह कंस मामा नहीं था। भांजे को मारने वाला हर मामा कंस नहीं होता। शकुनि उदाहरण हैं न ! बेशक अपने सौ भांजो को मरवा दिया। लेकिन द्युत क्रीड़ा में तो जितवा दिया। आमिर खान भी है न ! अपने रद्दी टाइप एक्टर भांजे इमरान खान को पिछले दस सालों से थोपे पड़ा है। महेश भट्ट भी कहाँ कम हैं। उन्होंने तो भांजे की चांदी ही चांदी कर दी, मेरा मतलब है चुम्मी ही चुम्मी कर दी है। एक्टिंग आती नहीं, सीरियल किसर बन कर चालीस फिल्मों का हीरो बन चुका है। नई नई हीरोइन तो छोडो, पुरानी हीरोइन भी उसके किस से बच नहीं सकी। बिपाशा बासु से लेकर विद्या बालन तक सभी को चूम चुका है। इस लिए पाठकों ! कटप्पा भी हिन्दू होते हुए भी कंस मामा की विरासत से नहीं था। उसने बाहुबली को जिस कारण से मारा, उससे सभी संतुष्ट थे।
लेकिन, इस दुनिया में केवल एक शख्स था, जो संतुष्ट नहीं था ! वह शख्स था खुद बाहुबली अमरेंद्र ! अमरेंद्र बाहुबली को विश्वास नहीं था कि मामा ने उसे सिर्फ इसलिए मारा। यह कोई बात हुई कि हिंदुस्तान में सभी सेक्युलर बने कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा के जवाब से संतुष्ट नज़र आ रहे हैं ! कम से कम एक आदमी को तो इस जवाब पर सवाल उठाना चाहिए था। कांग्रेसी बनाने को कौन कर रहा है। लेकिन, इस जवाब पर तो दिग्गी राजा की तरह व्यवहार करना चाहिए था। इसलिए बाहुबली असंतुष्ट था।
बाहुबली स्वर्ग के द्वार पर जा बैठा। वह इंतज़ार करने लगा कटप्पा के आने का ! कटप्पा ने बाहुबली को मार दिया था, इसलिए स्वभाविक ही बाहुबली स्वर्ग पहुँचने वाला पहला महिष्मति निवासी था। चूंकि, कटप्पा को बाद में मरना था इसलिए बाहुबली उसके मर कर स्वर्ग आने का इंतज़ार करने लगा।
युद्ध में मारे जाने के बाद कटप्पा स्वर्ग पहुंचा। बाहुबली ने कहा- आओ मामा कटप्पा ! आओ !!
बाहुबली के बोलने का लहज़ा काफी कुछ शोले वाले गब्बर जैसा था। सो कटप्पा सहम गया !
बोला- भांजे ! उसके बोलने का लहज़ा सीरियल महाभारत के शकुनि गूफी पेंटल के लहजे जैसा था। वह बाहुबली से लिपट कर रोने लगा। बाहुबली मामे को रोता देख कर थोड़ा खुश भी था। अब यह कठोर दिल पिघल कर सब उगल देगा। बाहुबली कटप्पा की गंजी टांट सहलाने लगा।
कटप्पा बोला - भांजे अमरेंद्र बाहुबली ! मुझे माफ़ कर देना कि मैंने तुम्हे मार दिया। एक मामा हो कर मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए थे।
बाहुबली बोले - मामाआआआ ! हिंदुस्तान में तुम्हारे जैसे बहुत से मामा है। इसलिए नाहक आंसू मत बहाओ। बस मेरे एक सवाल का जवाब दो।
कटप्पा बोला- पूछ भांजे !
बाहुबली - कटप्पा तुमने बाहुबली को यानि मुझे क्यों मारा ?
कटप्पा बोला- फिल्म में बताया तो न !
बाहुबली गरजा - मामा ! तुमने मुझे मामा समझा है क्या ! मुझे मामा मत बनाना। मुझे वह जवाब नहीं असली जवाब चाहिए! मैं तुम्हारा भांजा हूँ, हिंदुस्तानी दर्शक नहीं कि दो साल से जवाब के लिए चुटकुले, कवितायें और सवाल पे सवाल उछलता रहा हूँ और फ़िल्मी जवाब सुन कर खुश हो जाऊं ।
कटप्पा मुस्कुराया। ढाल और तलवार जमीन पर रख दी। कवच कुण्डल, मुकुट उतार कर जमीन पर दे मारे। फिर अपनी गंजी टांट पर हाथ फेरता हुआ बोला - सुन बेटा, मैंने तुझे क्यों मारा। पिछले दो सालों से करोड़ों दर्शक इस सवाल का जवाब पूछ रहे थे। सोशल साइट्स से लेकर सोशल गैदरिंग में यह सवाल पुछा जाता था। 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यो मारा' पर जितने चुटकुले पिछले दो साल में बने, उतने चुटकुले पिछले कई सालों से सरदारों पर भी नहीं बने। अगर बाहुबली द बेगिनिंग के आखिर में यह सवाल न उछाला जाता कि महाराजा अमरेंद्र बाहुबली को कटप्पा ने क्यों मारा तो दो साल तक हिंदुस्तान सिर्फ एक सवाल पर इतना सेंस ऑफ़ हुमूर रखने वाला कैसे बन पाता ! मैंने तुम्हे मारा, तभी तो इसे जानने के लिए तमाम दर्शक हर दिन ज़्यादा से ज़्यादा बेकरार हो रहे थे। तभी तो बाहुबली द कन्क्लूजन की बुकिंग खुलने के एक घंटे के अंदर दस लाख टिकट बिक गए। मैंने तुम्हे इसी लिए मारा भांजे ताकि बाहुबली पहले दिन का...वीकेंड का....और पूरे हफ्ते का रिकॉर्ड तोड़े। सबसे कम समय में सौ करोड़ और दो सौ करोड़ कमाने वाली फिल्म बन जाए। इसी सवाल का जवाब बाहुबली को दो हजार करोड़ का ग्रॉस करने वाला बना रहा है ।
अमरेंद्र बाहुबली मान गया - मामे ! तुम सचमुच मामा हो ! इतने सारे हिन्दुस्तानियों को मामा बना दिया।
जय अमरेंद्र बाहुबली ! जय कटप्पा !! जय सवाल- कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा !!!
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राजेंद्र प्रसाद कांडपाल
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