उस
दिन बेटी को ऑफिस
से कन्फर्मेशन लेटर मिला था।
दो तीन दिन
से घर का माहौल टेंस था। ऐसा लगा कि ऑफिस
में सब कुछ ठीक नहीं है। कदाचित इसलिए तनावपूर्ण वातावरण स्वाभाविक भी था।
ऐसे में कौन अप्रभावित रह सकता है! माँ भी अछूती नहीं थी।
माँ, अपनी बेटी के साथ, पति की इच्छा के
विरुद्ध अपना प्रदेश, अपना नगर छोड़ कर, प्रदेश प्रदेश, नगर नगर साथ साथ या पीछे
पीछे चल रही थी। बेटी के जीवन को सुगम और
सुचारु चलाने के लिए। ऐसे में बच्चों से
अपेक्षाएं भी हो जाती है।
यहाँ
बता दूँ कि बेटी विवाहित थी। एक बेटी की
माँ। आठ साल की बेटी। स्कूल जाने वाली। माँ इन सब को सम्हाले रहती। अस्वस्थता और शारीरिक कष्ट के बाद भी चौका
बर्तन सम्हाले रहती। नातिन को पुचकारती, सम्हालती, स्कूल के लिए
तैयार करती। ऐसे में स्वाभाविक था कि
दूसरी ओर से भी अपेक्षाएं होना ।
उस
दिन बेटी को कन्फर्मेशन मिला। उस दिन वह
घर आई। खाना खाया। और पति और बेटी के साथ घर से बाहर निकल गई। पैर का कष्ट झेल रही माँ थोड़ी देर में सो गई।
सुबह
आँख खुली। मोबाइल पर दृष्टि गई। व्हाट्सएप्प पर सन्देश का चिन्ह दिखाई
दिया। मैसेज खोला । सात पेज का, जेपीजी फाइल वाला। उन फाइलों में, ऑफिस के उच्च अधिकारियों
ने मूल्यांकन किया था। अंत में उसे
कन्फर्म किये जाने की बात कही गई थी। माँ का मन प्रसन्न हो गया। बेटी को बधाई सन्देश लिखित में भी भेज दिया।
यकायक
माँ विचलित हो गई। यकायक विचार आया। मैं
पिछले दस सालों से बेटी के साथ अपना प्रदेश और नगर छोड़ कर पति की इच्छा के विरुद्ध
प्रदेश प्रदेश नगर नगर जा रही हूँ। स्पष्ट
है कि भावनात्मक लगाव है। माँ के साथ ऐसा
होना स्वाभाविक भी है।
पर...पर...
बेटी भी माँ है। बेटी माँ से और माँ बेटी
से भावनात्मक सम्बन्ध रखती होगी। नातिन जब भी स्कूल में कुछ अच्छा करती तो सबसे
पहले माँ को आ के बताती। माँ भी बेटी से
सबसे पहले ऐसा सुना जाना पसंद करती।
पर
क्या बेटी को यह समझ नहीं। क्या वह नहीं
समझती कि जैसे वह चाहती है कि उसकी बेटी
अपना शुभ सबसे पहले माँ को बताये तो वह यह क्यों नहीं समझती कि वह अपना शुभ
सबसे पहले माँ को न सही, बाद में, माँ को भी बताये।
पर...
बेटी तो ऑफिस से आई। चौके से खाना परोसा
और ड्राइंग रूम में खा कर अपने पति और बेटी के साथ सेलिब्रेशन को निकल गई। उससे
चार फुट की दूरी पर कर कमरे में आ कर माँ को अपना शुभ बताना नहीं हो सका। कैसे है यह दूरी। कैसे उपज गई !!
माँ
सोचती रही देर तक !!!