गुरुवार, 22 जनवरी 2015

घरों में

सुबह
जब लोग सोये होते हैं
घर
तब मकान होते हैं। 
२.
रोशनदान
खिड़कियां
और दरवाज़े
सब खुले
सिर्फ
दिल न खुले।
३.
कीमती  सामान
और बड़े बुजुर्ग
सब  कीमती
इसीलिए
सब कोठरी में।
४.
घर में
माँ की इज़्ज़त
बहू इतनी करती है
किसी के आने पर
झाड़ू छीन लेती है। 
५.
घरों में अब
दादी- दादा के किस्से नहीं
किस्सों में दादी-दादा
सुने सुनाये जाते हैं। 

बुधवार, 7 जनवरी 2015

नया साल- पांच विचार


छुटकन ने
नए मकान में
मनाया नया साल
माँ बापू को
मिल गया था
जहाँ काम। 
२-
दिसम्बर में
क्रिसमस होता है
न्यू इयर होता है
खूब ठण्ड पड़ती है
अमीर सेलिब्रेट करते हैं
और गरीब भी
क्योंकि,
मौत के बाद
गरीबों में भी होता है
मृत्यु भोज ।  
३-
सूर्य किरण
मुन्ने ने खोली आँख

नव-वर्ष में

४- 
अतीत की धुंध की
लेकर एक चुस्की
विदा हो गया
साल।
५-
कैलेंडर  पर
जमी थी
अतीत की धूल
साफ़ कर दी
धूल और दीवार भी
नए कैलेंडर के लिए।


लौट आओ माँ

घर की दहलीज़ पर
दीप जला कर
रखती थी माँ
ताकि,
वापस आ जाएँ
भटके हुए पिताजी
लेकिन,
न पिताजी घर वापस आये
न माँ दीप जलाना भूली
एक दिन
माँ भी चली गयी
शायद वहीँ
जहाँ पिता गए होंगे
लेकिन,
घर की दहलीज़ पर
आज भी दीप जलता है 
मैं जलाती हूँ
ताकि, अब लौट आओ माँ !

अकड़ के


हर्ज़ क्या है
खड़े होने में
अकड़ के !
तेरे बाप की नहीं
सड़क
मेरे बाप की है
हनक
कचरा क्यों न फैलाऊँ
गली में, कूचे में
अकड़ के।
खाक तुम इंसान हो
अहमक
अपने से परेशान हो
बेझिझक
दबे रहो, न सर उठाओ

हम आये हैं
अकड़ के।
अपना- पराया कौन
मत बहक
आएगा कौन जायेगा कौन
मत समझ
जीता वही जो रहता है
मुर्ग सा घूमता हुआ 
अकड़ के।



अकबर के सामने अनारकली का अपहरण, द्वारा सलीम !

जलील सुब्हानी अकबर ने हठ न छोड़ा।  सलीम से मोहब्बत करने के अपराध में, अनारकली को फिर पकड़ मंगवाया। उसे सलीम से मोहब्बत करने के अपराध और जलील स...