(४)
दिए की बाटी
अपना मुंह जलती है
तेल की एक एक बूँद सोख कर
प्रकाश फैलाती है.
अपने लिए कुछ भी नहीं बचाती
उसके जलने से दिया दीपक बनता है
पूरा जल जाने के बावजूद
उसका अस्तित्व उसके त्याग की याद दिलाता है.
वही दिया
अपना स्वार्थ देखता है
अपने में पड़ा तेल
सोख लेता है.
बाटी के माध्यम से
बिखरने वाली प्रकाश की आयु
कम कर देता है
इसलिए मट्टी का दिया
मिटटी में मिल जाता है.
(५)
अमावस की रात
काली अंधियारी होती है
हाथ को हाथ नहीं सूझता
पर अमावस का एक सन्देश है
मैं अंधेरी काली हूँ
ताकि,
तुम नन्हे नन्हे ढेरों दीप जला सको.
उनके प्रकाश में
अपनी और दूसरों की
राह जगमगा सको
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