शनिवार, 10 मार्च 2012

भ्रष्टाचार का क्रूर क्षेत्र

लोगों को लगता है कि
मैं मार दिया गया हूँ.
उन्होंने तैय्यारी शुरू कर दी है
मेरे स्मारक या बुत बनाने की
क्यूंकि
यही एक ऐसा तरीका है
जिससे किसी विचार या व्यक्तित्व को
एक स्थान तक सीमित क्या जा सकता है
उसे लोग देख सकते हैं
पर उस पर विचार नहीं कर सकते
वह नहीं चाहते कि कोई मुझ पर विचार करे
मेरे सन्देश पर बहस करे
क्यूंकि
उन्होंने मुझे
महाभारत के अभिमन्यु की तरह
चारों और से घेर कर
तीरों और तलवारों से बींधा है
मेरा अंग अंग क्षत विक्षत किया है
जब मैं गिर गया
कुछ समय तक मेरी दूसरी सांस नहीं लौटी
तो उन्होंने समझ लिया
कि मैं मर गया हूँ
वह जय घोष करने लगे .
लेकिन मैं
फीनिक्स की तरह जी उठूंगा
मैं वापस आऊँगा
इस संग्राम का हिस्सा बनने
क्यूंकि
विचार या व्यक्तित्व मारे नहीं जा सकते
उन्हें कुछ पल के लिए
निश्चेष्ट किया जा सकता है
लेकिन निष्क्रिय या निर्जीव नहीं.
यह शरीर में मर कर
हवा में घुल जाते हैं,
मिटटी में सांस लेते हैं
और फिर बीज बन कर
नया पौंधा बन जाते हैं.
इसलिए मैं ज़रूर आऊँगा
फीनिक्स की तरह.
अभिमन्यु बन कर
भ्रष्टाचार के क्रूर क्षेत्र में लड़ने.

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