रविवार, 1 जुलाई 2018

आज जन्मदिन : मेरा और जीएसटी का !

१-०७-१९५३ -राजेंद्र प्रसाद कांडपाल का जन्म.
०१-०७-२०१७ - पूरे देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि जीएसटी का जन्म यानि लागू.
एक म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के एसएमएस और फेसबुक से मुझे मालूम हुआ कि आज मेरा सरकारिया तौर पर जन्मदिन है. जोड़ा तो ६५ साल खलास. हे राम ! इतनी उम्र !! कितनों को नसीब होती है. इसलिए मोगाम्बो की तर्ज़ पर कांडपाल खुश हुआ.
बहरहाल, मेरी और जीएसटी की एक ही कहानी है. जन्म हुआ तो पापा कहते थे, बड़ा काम करेगा. बेटा हमारा बड़ा नाम करेगा. बेटे ने नाम किया. आज फेसबुक पर सैकड़ों की संख्या में मित्र है.
मोदी जी ने जब जीएसटी लागू किया तो उन्हें उम्मीद थी कि जीएसटी बड़ा काम करेगा. सरकारी खजाने को लबालब भरेगा. भर भी रहा है. फेसबुक पर भी जीएसटी के मेरी तरह सैकड़ों मित्र है. आलोचना करने वाले कि रोजगार बंद हो गए. कारोबार ठप पड़ गया. दो रुपये का पॉपकॉर्न मॉल में १०० रुपये में खाने वाले कुछ जीएसटी चुकाने पर मोदी जी को जार जार कोसते हैं. कितना टैक्स देना पड़ता है.
दोस्तों, अब मैं थोडा सीरियस हो जाता हूँ.
आपने मुझे बिना मांगे बधाइयाँ दी, दुआएं दी. धन्यवाद् आपका. किसको मिलता है बिना मांगे इतना.
लेकिन, बाज़ार जाइए. दुकानदार आपको बिना मांगे कैश रिसीप्ट नहीं देगा. कहेगा जीएसटी देना पड़ेगा. डरिये नहीं. रसीद ज़रूर मांगिये. जैसे मुझे दुआ दी, वैसे जीएसटी दीजिये रसीद लेकर.
जैसे आपकी दुआएं मेरे काम आयेंगी, वैसे ही जीएसटी देश के काम आयेगी. आप सब को जन्मदिन की शुभकामनाये और जीएसटी देने के लिए आभार.

शनिवार, 17 मार्च 2018

क्या मुख्य सचिव की पेंशन न करें तो सबकी पेंशन हो जायेगी ?

यह वाकया पेंशन निदेशालय का है। 
वहां के एक जॉइंट डायरेक्टर के पास एक पत्रकार महोदय पहुंचे। बोले आपके खिलाफ खबर है। पूछा - क्या खबर है ? बोले- आप आईएएस की पेंशन ज़ल्दी कर देते हो. अभी पिछले दिनों ही मुख्य सचिव की पेंशन आते ही हो गई. 
जेडी बोले- बिलकुल ठीक कहा. ऐसा हुआ हुआ है. बताइए क्या कहना चाहिए था मुख्य सचिव को कि आपके जैसे मुख्य सचिव बहुत आते हैं. लाइन लगिए . तभी होगी? नहीं कह सकते. उनके घर तक पहुंचाए हैं पेंशन पेपर. आप ही बताइये आपका संपादक कहेगा किसी पेंशन के लिए तो हम नहीं करें. कह दें तुम्हारे जैसे संपादक बहुत से आते है. मैं तो दौड़ के कर दूंगा. कहेगा तो उसके ऑफिस भी भेज दूंगा उनका पीपीओ।  
उनका चेहरा देख कर जेडी थोडा रुका. बोला- तुम कहोगे, तो तुम्हारी पेंशन भी अभी हो जायेगी। क्या हर ऐरा गैरा पत्रकार हो सकता है ?
वह चुप। क्या बोले। उनका इंटरव्यू हो सकता था। 
जेडी ने फिर कहा- अच्छा होता, अगर आप यह सवाल ले कर आते कि फला फला की पेंशन इतने महीने या दिनों से नहीं हुई है। मैं आपको बताता। बता भी रहा हूँ। तीन तीन महीने से पेंशन नहीं हुई है। लेकिन, हमारे निर्देशक लगे है इसे १० दिन के अन्दर करने के लिए।  हम कर के दिखायेंगे। 
पत्रकार महोदय चले गए। पता चला कि पेंशन निर्देशालय के कर्मचारियों ने दबाव बनाने के लिए पत्रकार महोदय को भेजा था।