तुम मत करना शोक ।
दुख किस बात का !
संताप किस बात का !
कौन मरा था तुम्हारा ?
अख़बार की खबर था वह
कैमरे कि क्लिक का कमाल फोटो था वह
ख़ून की छोटी नदी के बीच
फैला पड़ा था वह ।
कौन था तुम्हारा? कोई नहीं।
काले अक्षरों से लिखा गया समाचार
निरपेक्ष कैप्शन के ऊपर तना रंगीन फोटो सा वह।
तुम्हें किस बात का दुख ! संताप कैसा!
तब शोक क्यों करना?
दुख किस बात का !
संताप किस बात का !
कौन मरा था तुम्हारा ?
अख़बार की खबर था वह
कैमरे कि क्लिक का कमाल फोटो था वह
ख़ून की छोटी नदी के बीच
फैला पड़ा था वह ।
कौन था तुम्हारा? कोई नहीं।
काले अक्षरों से लिखा गया समाचार
निरपेक्ष कैप्शन के ऊपर तना रंगीन फोटो सा वह।
तुम्हें किस बात का दुख ! संताप कैसा!
तब शोक क्यों करना?
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