मंगलवार, 4 सितंबर 2012

हिन्दी

अपने देश में
पिता के घर
भ्रूण हत्या से बच गयी
बेटी जैसी
उपेक्षित,
ससुराल में
कम दहेज लाने वाली
बहू जैसी
परित्यक्त   
क्यों है
विधवा की बिंदी जैसी
राष्ट्रभाषा
हिन्दी ।

(2)
कमीना सुन कर
नाराज़ हो जाने वाले लोग
अब
बास्टर्ड सुन कर
हँसते हैं।
 

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