मंगलवार, 27 सितंबर 2011

हाइकु


हँसता सूर्य
राक्षस से पहाड़
हिम्मत मेरी  

२-
नदी की धार
गोरी की कमरिया
मुग्ध देखूं मैं.
३-
बहती हवा
ममता का आँचल
मेरा सुकून

४-
चुभती धूप
भीष्म की शर शैया
मैं हूँ बेचैन

५-
आ गयी रात
रो रहे हैं कुत्ते
बच्चे सो गए.

6-
शीत लहरी
पत्ते पीले हो गए
बुड्ढा मरेगा.

7-  
सूना आकाश
उड़ते चील कौव्वे
मेरी तमन्ना  

८-
काले बादल
विधवा रो रही है  
जल ही जल

९-  
प्रिय  न आये
शाम बीत रही है
आँखों में रात

१०-
रात आ गयी
जुगनू उड़ रहे
दिखती राह
१३.
दुल्हन आई  
आँगन में बौछार
बौराया मन .  

१४.
बौर आ गयी
बारात आ रही है
खुशी की बात .

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